Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jul 2017 · 1 min read

लगा, गलत हूँ! ?

पता चली जो गलत लिखाई, लगा गलत हूँ
तुमने हटा आरी सी चलाई, लगा गलत हूँ।
पता चला की भटक गया हूँ, लगा गलत हूँ
तुमने सच्ची राह दिखाई, लगा गलत हूँ।

भूल गया था तुम मालिक हो, मैं सेवक हूँ
कर गया सीधेमन चतुराई, लगा ग़लत हूँ
लगा लिखा कुछ राष्ट्रविरोधी? क्या ऐसा था?
देख तुम्हारी तानाशाही, लगा गलत हूँ।

– नीरज चौहान

Language: Hindi
331 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सीरिया रानी
सीरिया रानी
Dr. Mulla Adam Ali
2940.*पूर्णिका*
2940.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शादी होते पापड़ ई बेलल जाला
शादी होते पापड़ ई बेलल जाला
आकाश महेशपुरी
बेइंतहा सब्र बक्शा है
बेइंतहा सब्र बक्शा है
Dheerja Sharma
फागुन में.....
फागुन में.....
Awadhesh Kumar Singh
#सब_त्रिकालदर्शी
#सब_त्रिकालदर्शी
*Author प्रणय प्रभात*
चर्बी लगे कारतूसों के कारण नहीं हुई 1857 की क्रान्ति
चर्बी लगे कारतूसों के कारण नहीं हुई 1857 की क्रान्ति
कवि रमेशराज
दिल में गहराइयां
दिल में गहराइयां
Dr fauzia Naseem shad
आस्था
आस्था
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नींद की कुंजी / MUSAFIR BAITHA
नींद की कुंजी / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
उर्दू
उर्दू
Shekhar Chandra Mitra
फिर मिलेंगे
फिर मिलेंगे
साहित्य गौरव
शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
Shweta Soni
क्या मुगलों ने लूट लिया था भारत ?
क्या मुगलों ने लूट लिया था भारत ?
Shakil Alam
राजकुमारी कार्विका
राजकुमारी कार्विका
Anil chobisa
माता सिद्धि-प्रदायिनी ,लिए सौम्य मुस्कान
माता सिद्धि-प्रदायिनी ,लिए सौम्य मुस्कान
Ravi Prakash
गई नहीं तेरी याद, दिल से अभी तक
गई नहीं तेरी याद, दिल से अभी तक
gurudeenverma198
समय की धारा रोके ना रुकती,
समय की धारा रोके ना रुकती,
Neerja Sharma
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
Vandana Namdev
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
सत्य कुमार प्रेमी
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
इंतजार बाकी है
इंतजार बाकी है
शिवम राव मणि
💐रामायणं तापस-प्रकरणं....💐
💐रामायणं तापस-प्रकरणं....💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बात शक्सियत की
बात शक्सियत की
Mahender Singh Manu
फिर दिल मेरा बेचैन न हो,
फिर दिल मेरा बेचैन न हो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बोलने से सब होता है
बोलने से सब होता है
Satish Srijan
"क्या लिखूं क्या लिखूं"
Yogendra Chaturwedi
" शांत शालीन जैसलमेर "
Dr Meenu Poonia
जोशीला
जोशीला
RAKESH RAKESH
चलो प्रिये तुमको मैं संगीत के क्षण ले चलूं....!
चलो प्रिये तुमको मैं संगीत के क्षण ले चलूं....!
singh kunwar sarvendra vikram
Loading...