Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Dec 2016 · 1 min read

लगता क्यूँ हर आदमी गद्दार है

करती हूँ मुहब्बत तुम्हीं से जान लो
डरती नहीं के जीत हो या हार है

ग़म नहीं जहाँ मे किसी का साथ हो
मिल जाए मुझको गर तेरा ही प्यार है

खुद से ही पूछीये के क्या बात है
हो गई तुमको मुहब्बत इक़रार है

आशिक़ तो दिल आपका ही हो गया
फिर न कहना कँवल से अपनी हार हैं

गिरहबंद-
लगता क्यूँ हर आदमी गद्दार है
आजकल हर दिल फ़क़त तकरार है

2 Likes · 1 Comment · 437 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*शीत वसंत*
*शीत वसंत*
Nishant prakhar
2734. *पूर्णिका*
2734. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कश्मीर में चल रहे जवानों और आतंकीयो के बिच मुठभेड़
कश्मीर में चल रहे जवानों और आतंकीयो के बिच मुठभेड़
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
जीवन की इतने युद्ध लड़े
जीवन की इतने युद्ध लड़े
ruby kumari
ज़ेहन से
ज़ेहन से
हिमांशु Kulshrestha
लाख बड़ा हो वजूद दुनियां की नजर में
लाख बड़ा हो वजूद दुनियां की नजर में
शेखर सिंह
वो भी तो ऐसे ही है
वो भी तो ऐसे ही है
gurudeenverma198
"ऊँची ऊँची परवाज़ - Flying High"
Sidhartha Mishra
🙏😊🙏
🙏😊🙏
Neelam Sharma
शिशुपाल वध
शिशुपाल वध
SHAILESH MOHAN
"प्रथम साहित्य सृजेता"
Dr. Kishan tandon kranti
जय जय राजस्थान
जय जय राजस्थान
Ravi Yadav
मेरी देह बीमार मानस का गेह है / मुसाफ़िर बैठा
मेरी देह बीमार मानस का गेह है / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
جستجو ءے عیش
جستجو ءے عیش
Ahtesham Ahmad
रोम रोम है दर्द का दरिया,किसको हाल सुनाऊं
रोम रोम है दर्द का दरिया,किसको हाल सुनाऊं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
World Tobacco Prohibition Day
World Tobacco Prohibition Day
Tushar Jagawat
न कोई काम करेंगें,आओ
न कोई काम करेंगें,आओ
Shweta Soni
ज़िन्दगी की तरकश में खुद मरता है आदमी…
ज़िन्दगी की तरकश में खुद मरता है आदमी…
Anand Kumar
अंधविश्वास का पोषण
अंधविश्वास का पोषण
Mahender Singh
मेरी नज़्म, शायरी,  ग़ज़ल, की आवाज हो तुम
मेरी नज़्म, शायरी, ग़ज़ल, की आवाज हो तुम
अनंत पांडेय "INϕ9YT"
जीवन में चुनौतियां हर किसी
जीवन में चुनौतियां हर किसी
नेताम आर सी
जब भी आप निराशा के दौर से गुजर रहे हों, तब आप किसी गमगीन के
जब भी आप निराशा के दौर से गुजर रहे हों, तब आप किसी गमगीन के
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
छिपकली बन रात को जो, मस्त कीड़े खा रहे हैं ।
छिपकली बन रात को जो, मस्त कीड़े खा रहे हैं ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
एक महिला अपनी उतनी ही बात को आपसे छिपाकर रखती है जितनी की वह
एक महिला अपनी उतनी ही बात को आपसे छिपाकर रखती है जितनी की वह
Rj Anand Prajapati
■ केवल लूट की मंशा।
■ केवल लूट की मंशा।
*Author प्रणय प्रभात*
मेरे दिल ❤️ में जितने कोने है,
मेरे दिल ❤️ में जितने कोने है,
शिव प्रताप लोधी
जीवन के मोड़
जीवन के मोड़
Ravi Prakash
तेरी यादों की खुशबू
तेरी यादों की खुशबू
Ram Krishan Rastogi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
अपने वीर जवान
अपने वीर जवान
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
Loading...