Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Mar 2017 · 1 min read

** रेत से मनसूबे **

रेत से मनसूबे तेरे
कब तक ठहर पाएंगे
आश्वासन रूपी छींटे
कब तक रोक पाएंगे
बिखरे सपनों को तेरे
हिफाजत से रख पाएंगे
धूप अरमानो को सुखा देगी
ऊष्मा अपनी कब तक
दिल के घरोंदे में बचा पाओगें
ये असफलता का सूरज
नमी सोख लेगा सारी और
सपने तेरे बालू रेत की माफिक
जर्रा जर्रा में बिखर जायेंगे ।।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 252 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
खुद को जानने में और दूसरों को समझने में मेरी खूबसूरत जीवन मे
खुद को जानने में और दूसरों को समझने में मेरी खूबसूरत जीवन मे
Ranjeet kumar patre
23/170.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/170.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गुलामी के कारण
गुलामी के कारण
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
गाँव कुछ बीमार सा अब लग रहा है
गाँव कुछ बीमार सा अब लग रहा है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*बादल चाहे जितना बरसो, लेकिन बाढ़ न आए (गीत)*
*बादल चाहे जितना बरसो, लेकिन बाढ़ न आए (गीत)*
Ravi Prakash
मैं हर इक चीज़ फानी लिख रहा हूं
मैं हर इक चीज़ फानी लिख रहा हूं
शाह फैसल मुजफ्फराबादी
"हकीकत"
Dr. Kishan tandon kranti
सबसे बढ़कर जगत में मानवता है धर्म।
सबसे बढ़कर जगत में मानवता है धर्म।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Help Each Other
Help Each Other
Dhriti Mishra
"एक दीप जलाना चाहूँ"
Ekta chitrangini
कभी फौजी भाइयों पर दुश्मनों के
कभी फौजी भाइयों पर दुश्मनों के
ओनिका सेतिया 'अनु '
" प्रिये की प्रतीक्षा "
DrLakshman Jha Parimal
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
■आज का सवाल■
■आज का सवाल■
*Author प्रणय प्रभात*
हौंसले को समेट कर मेघ बन
हौंसले को समेट कर मेघ बन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अब तो इस वुज़ूद से नफ़रत होने लगी मुझे।
अब तो इस वुज़ूद से नफ़रत होने लगी मुझे।
Phool gufran
लेके फिर अवतार ,आओ प्रिय गिरिधर।
लेके फिर अवतार ,आओ प्रिय गिरिधर।
Neelam Sharma
स्थापित भय अभिशाप
स्थापित भय अभिशाप
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
*Max Towers in Sector 16B, Noida: A Premier Business Hub 9899920149*
*Max Towers in Sector 16B, Noida: A Premier Business Hub 9899920149*
Juhi Sulemani
नववर्ष
नववर्ष
Mukesh Kumar Sonkar
"जय जवान जय किसान" - आर्टिस्ट (कुमार श्रवण)
Shravan singh
जिंदगी की किताब
जिंदगी की किताब
Surinder blackpen
बेशक़ कमियाँ मुझमें निकाल
बेशक़ कमियाँ मुझमें निकाल
सिद्धार्थ गोरखपुरी
प्रथम किरण नव वर्ष की।
प्रथम किरण नव वर्ष की।
Vedha Singh
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
Kuldeep mishra (KD)
* धन्य अयोध्याधाम है *
* धन्य अयोध्याधाम है *
surenderpal vaidya
।। लक्ष्य ।।
।। लक्ष्य ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
. *विरोध*
. *विरोध*
Rashmi Sanjay
..........?
..........?
शेखर सिंह
बटाए दर्द साथी का वो सच्चा मित्र होता है
बटाए दर्द साथी का वो सच्चा मित्र होता है
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
Loading...