रूठ कर यूँ हमें मत सताया करो
रूठ कर यूँ हमें मत सताया करो
प्यार हैं हम हमें तुम मनाया करो
ये सुना है बड़े कामकाजी हो तुम
आँसुओं की भी कीमत लगाया करो
जी रहे हैं यहाँ बस तुम्हें देखकर
रुख से पर्दा कभी तो हटाया करो
तुम अँधेरे मिटाने हमारे लिये
चाँद पूनम का बन जगमगाया करो
साथ बेटों के भी अब सुनो साथियों
बेटियाँ खूब अपनी पढ़ाया करो
जब भुला तुमने हमको दिया ‘अर्चना’
ख्वाब में भी हमारे न आया करो
डॉ अर्चना गुप्ता