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8 Oct 2017 · 1 min read

रिश्तों की भूल भुलैया

तन के दावेदार मिले
मन को कोई ना प्यार मिला
रिश्तों की भूल भुलैया में
इक चेहरा इक बजार मिला ||

रिश्तों की धुंध में खोई हसीं,
सपने खो अंधेरों में
जुगनूं सी इच्छाएं भटकी
कैदी हो गयी सवेरों में
इक रात मिली मुस्कानों के
आंसू का कारोबार मिला
रिश्तों की भूल भुलैया में ………..||

जितने रंगीन उजाले थे
धुँधुले हैं उतने दर्पण
सौदा कैसे फिर कर लेता
ये बंजारा मन
इक तरफ धर्म की जंजीरें
इक तरफ सिसकता प्यार मिला |
रिश्तों की भूल भुलैया में ………..||

कल नदी लिपट कर रोयी थी
पर्वत की सूनी बाँहों से
धीरे धीरे हो गयी विदा
परछाई मेरी निगाहों से
सुख के कई चेहरे मिले यहाँ
मन को सूना हाहाकार मिला |
रिश्तों की भूल भुलैया में ………..||

तन के दावेदार मिले
मन को कोई ना प्यार मिला
रिश्तों की भूल भुलैया में
इक चेहरा इक बजार मिला ||

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 533 Views
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