रिश्ता माँ बेटी का
खुद माँ बन कर जाना
माँ होने का अहसास
माँ और ज्यादा तुझसे
मेरा रिश्ता हुआ खास
माँ अपने दिल की ख़ुशी
कैसे बयां करू आज
पंख मिल गए मुझे जैसे
और उड़ने को पूरा आकाश
सोती नहीं जब मैं रातों में
आँख भर आती ये सोचकर
मेरे लिए तू भी ऐसे ही
जागी होगी रात रात भर
तडप जाती हूँ जब मै
इसकी जरा सी पीड़ा पर
सोच पाती हूँ तड़पी होगी
तू भी यूँ अश्रु भर कर
जब जब जिस जिस
अहसास को जीती हूँ
माँ तेरे और भी ज्यादा
मै करीब होती हूँ
तेरे हर त्याग को अब
और जान सकी हूँ
क्या होती है माँ ये
और पहचान सकी हूँ
एक माँ बच्चे को अपने
ही खून से सींचती है
बड़ी तपस्या से उसको
वो पालती पोसती है
उसके लिए जीती है
उसके लिए हंसती है
उसके लिए गाती है
उसके लिए रोती है
अब जान सकी
क्यों कहते है बेटी
माँ बाप के ज्यादा
करीब होती है
-डॉ अर्चना गुप्ता