Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jul 2017 · 1 min read

राजाराम मोहन राय

नानी आज कोई कहानी सुनाओ,
जिसमे में राजा आए,
और नाहि रानी की बीती बताओं,
नानी जरा मुस्कुराकर कह दो,
गाथा वीर भरी |

एक नारी समाज के रूढ़ि से डरी,
देख आए जब प्यारे मोहन लाल,
बालक को ना जाने, क्यों गुस्सा आया उस साल ?
जिस वक़्त भाभी, थी आग में बैठी थी,
भैया थे तब, परलोक सुधार,
बता दो लोगो, तुमने बना दिए कौन से नियम-सार,
ईश्वर की संतान, बनकर बैठ गए है, शैतान !
ख़त्म करो, यह सती-प्रथा,
जागो मिट्टी की मुहूर्त या
जगा दो! उस भारत की फिर एक वीर कथा,
आज भी तन का एक-एक लहू का कतरा,
कहता! रहना तैयार सदा तुम नारी,
न सहना खतरा,
सारा जन, तुम्हे करते है, आज नमन !
इस धरती की दामन थामकर सो गए मोहन,
यूँही लेते रहना, सदा तुम जनम,
करता हूँ, मैं पुनः कोटि-कोटि नमन |
-ऋषि के.सी.

Language: Hindi
288 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कवि एवं वासंतिक ऋतु छवि / मुसाफ़िर बैठा
कवि एवं वासंतिक ऋतु छवि / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
किसी को अपने संघर्ष की दास्तान नहीं
किसी को अपने संघर्ष की दास्तान नहीं
Jay Dewangan
💐प्रेम कौतुक-437💐
💐प्रेम कौतुक-437💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सलाह .... लघुकथा
सलाह .... लघुकथा
sushil sarna
आगमन राम का सुनकर फिर से असुरों ने उत्पात किया।
आगमन राम का सुनकर फिर से असुरों ने उत्पात किया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
नेह का दीपक
नेह का दीपक
Arti Bhadauria
23/75.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/75.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*साँसों ने तड़फना कब छोड़ा*
*साँसों ने तड़फना कब छोड़ा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शिव स्तुति
शिव स्तुति
Shivkumar Bilagrami
रज़ा से उसकी अगर
रज़ा से उसकी अगर
Dr fauzia Naseem shad
जब जब तुम्हे भुलाया
जब जब तुम्हे भुलाया
Bodhisatva kastooriya
करवाचौथ
करवाचौथ
Mukesh Kumar Sonkar
"रुपया"
Dr. Kishan tandon kranti
माना सच है वो कमजर्फ कमीन बहुत  है।
माना सच है वो कमजर्फ कमीन बहुत है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
गुरु बिन गति मिलती नहीं
गुरु बिन गति मिलती नहीं
अभिनव अदम्य
कौसानी की सैर
कौसानी की सैर
नवीन जोशी 'नवल'
गुलदस्ता नहीं
गुलदस्ता नहीं
Mahendra Narayan
आपके आसपास
आपके आसपास
Dr.Rashmi Mishra
हिरनगांव की रियासत
हिरनगांव की रियासत
Prashant Tiwari
लोगों की फितरत का क्या कहें जनाब यहां तो,
लोगों की फितरत का क्या कहें जनाब यहां तो,
Yogendra Chaturwedi
कल?
कल?
Neeraj Agarwal
करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए
करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए
VINOD CHAUHAN
*माँ : 7 दोहे*
*माँ : 7 दोहे*
Ravi Prakash
लाखों रावण पहुंच गए हैं,
लाखों रावण पहुंच गए हैं,
Pramila sultan
ये दुनिया सीधी-सादी है , पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।
ये दुनिया सीधी-सादी है , पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।
सत्य कुमार प्रेमी
जीना है तो ज़माने के रंग में रंगना पड़ेगा,
जीना है तो ज़माने के रंग में रंगना पड़ेगा,
_सुलेखा.
बसंत बहार
बसंत बहार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
वक्त ए रूखसती पर उसने पीछे मुड़ के देखा था
वक्त ए रूखसती पर उसने पीछे मुड़ के देखा था
Shweta Soni
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
Rajesh Kumar Arjun
Loading...