Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Feb 2017 · 1 min read

राजनैतिक विष

कैसे कैसे पागल नेता,
कुछ भी कहते रहते हैं ।
और हम, पिछलग्गू बन,
सब कुछ सहते रहते है।

होश संभाला जब से हमने,
मिला हमें यही संदेश ।
नेता सब अपना घर भरते,
चाहे जाय भाड़ मे देश ।

एक संघठित ग्राम इकाइ,
टुकड़ों टुकड़ों में टूटे
दलगत राजनीति में फंसकर,
ग्राम एकता भी रूठे ।

भांग पी निरपेक्ष धर्म की,
कुछ दल नेतागण पगलाते
धर्म पंथ को एक बता कर,
जन जनार्दन को बहकाते।

मत जुगाड़्ने के चक्कर में,
विधान सभा के प्रत्याशी
हर हथकण्डा‌ अपनाते हैं,
चल चल के चाल सियासी ।

Language: Hindi
232 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Laxmi Narayan Gupta
View all
You may also like:
बेटियां
बेटियां
Manu Vashistha
"जागरण"
Dr. Kishan tandon kranti
अर्धांगिनी
अर्धांगिनी
Buddha Prakash
3067.*पूर्णिका*
3067.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रात भर इक चांद का साया रहा।
रात भर इक चांद का साया रहा।
Surinder blackpen
*काल क्रिया*
*काल क्रिया*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
भाषा और बोली में वहीं अंतर है जितना कि समन्दर और तालाब में ह
भाषा और बोली में वहीं अंतर है जितना कि समन्दर और तालाब में ह
Rj Anand Prajapati
💐प्रेम कौतुक-231💐
💐प्रेम कौतुक-231💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"घर की नीम बहुत याद आती है"
Ekta chitrangini
वो शख्स अब मेरा नहीं रहा,
वो शख्स अब मेरा नहीं रहा,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
अयोध्या धाम तुम्हारा तुमको पुकारे
अयोध्या धाम तुम्हारा तुमको पुकारे
Harminder Kaur
स्वदेशी कुंडल ( राय देवीप्रसाद 'पूर्ण' )
स्वदेशी कुंडल ( राय देवीप्रसाद 'पूर्ण' )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हिन्दी दोहे- इतिहास
हिन्दी दोहे- इतिहास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि की याद में लिखी गई एक कविता
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि की याद में लिखी गई एक कविता "ओमप्रकाश"
Dr. Narendra Valmiki
यकीन नहीं होता
यकीन नहीं होता
Dr. Rajeev Jain
महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब
महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब
Suryakant Dwivedi
प्यार जिंदगी का
प्यार जिंदगी का
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
द्रोण की विवशता
द्रोण की विवशता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तमाम उम्र काट दी है।
तमाम उम्र काट दी है।
Taj Mohammad
बधाई हो बधाई, नये साल की बधाई
बधाई हो बधाई, नये साल की बधाई
gurudeenverma198
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
कवि रमेशराज
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
“बेवफा तेरी दिल्लगी की दवा नही मिलती”
“बेवफा तेरी दिल्लगी की दवा नही मिलती”
Basant Bhagawan Roy
जब जलियांवाला काण्ड हुआ
जब जलियांवाला काण्ड हुआ
Satish Srijan
यही बताती है रामायण
यही बताती है रामायण
*Author प्रणय प्रभात*
[पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य] भाग–7
[पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य] भाग–7
Pravesh Shinde
प्रकृति
प्रकृति
Bodhisatva kastooriya
विषय - पर्यावरण
विषय - पर्यावरण
Neeraj Agarwal
#क्या_पता_मैं_शून्य_हो_जाऊं
#क्या_पता_मैं_शून्य_हो_जाऊं
The_dk_poetry
Loading...