Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jul 2016 · 1 min read

रहे हम बन्द तालों में,चले गम फिर भी आते हैं

रहे हम बन्द तालों में,चले गम फिर भी आते हैं
किरण उम्मीद की लेकिन , वो अपने साथ लाते हैं
ये जीवन एक सिक्के सा, ख़ुशी गम जिसके दो पहलू
नहीं वो डगमगाते हैं ये सच जो जान जाते हैं

डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
1 Like · 3 Comments · 332 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
भगतसिंह:एक मुक्त चिंतक
भगतसिंह:एक मुक्त चिंतक
Shekhar Chandra Mitra
कृष्ण कन्हैया
कृष्ण कन्हैया
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मेरा भी कुछ लिखने का मन करता है,
मेरा भी कुछ लिखने का मन करता है,
डॉ. दीपक मेवाती
■चंदे का धंधा■
■चंदे का धंधा■
*Author प्रणय प्रभात*
"सुहागन की अर्थी"
Ekta chitrangini
संसद उद्घाटन
संसद उद्घाटन
Sanjay ' शून्य'
तुम जब भी जमीन पर बैठो तो लोग उसे तुम्हारी औक़ात नहीं बल्कि
तुम जब भी जमीन पर बैठो तो लोग उसे तुम्हारी औक़ात नहीं बल्कि
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – बाल्यकाल और नया पड़ाव – 02
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – बाल्यकाल और नया पड़ाव – 02
Sadhavi Sonarkar
पिता, इन्टरनेट युग में
पिता, इन्टरनेट युग में
Shaily
भक्तिभाव
भक्तिभाव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सिर्फ औरतों के लिए
सिर्फ औरतों के लिए
Dr. Kishan tandon kranti
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
पुलवामा अटैक
पुलवामा अटैक
Surinder blackpen
* खिल उठती चंपा *
* खिल उठती चंपा *
surenderpal vaidya
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
वरदान है बेटी💐
वरदान है बेटी💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
चन्द्रयान उड़ा गगन में,
चन्द्रयान उड़ा गगन में,
Satish Srijan
*
*"रोटी"*
Shashi kala vyas
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कवि दीपक बवेजा
हे मेरे प्रिय मित्र
हे मेरे प्रिय मित्र
कृष्णकांत गुर्जर
💐प्रेम कौतुक-530💐
💐प्रेम कौतुक-530💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मत देख कि कितनी बार  हम  तोड़े  जाते  हैं
मत देख कि कितनी बार हम तोड़े जाते हैं
Anil Mishra Prahari
हाथ पर हाथ धरे कुछ नही होता आशीर्वाद तो तब लगता है किसी का ज
हाथ पर हाथ धरे कुछ नही होता आशीर्वाद तो तब लगता है किसी का ज
Rj Anand Prajapati
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
छुपा रखा है।
छुपा रखा है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
*माहेश्वर तिवारी जी से संपर्क*
*माहेश्वर तिवारी जी से संपर्क*
Ravi Prakash
2514.पूर्णिका
2514.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कहनी चाही कभी जो दिल की बात...
कहनी चाही कभी जो दिल की बात...
Sunil Suman
अनंतनाग में परचम फहरा गए
अनंतनाग में परचम फहरा गए
Harminder Kaur
Loading...