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15 Oct 2016 · 1 min read

रंगों केअर्थ बदलते है ..

रिश्तों के रंग बदलते है
कुछ गहरे कुछ फीके पड़ते है
मन की तरंगो से रिश्तों की उमंगो से
रंगो के अर्थ बदलते है ..

प्रेम की बरसात मे
भीगे से लम्हात मे
गुम होके जज्बात में
रिश्ते आसमानी हो जाते हैं
नित नये सपने सजाते हैं .
गुलाबी रंगों मे लिपट कर
सुर्ख जोड़े मे लाल हो जाते है
शर्म और हया की चादर मे सिमट जाते है

धानी धानी सी चूनर मे ..
हरी पीली सी खनक मे
मन बंसती हुआ जाता है
बिन कुछ कहे इन्द्रधनुषी सपने सजाता है
पीली सरसों सा मन मुद्रित हुआ जाता है
नये कोपल के आगमन पर
हरियाली मनाता है
चहुं ओर कलरव सजाता है

जिंदगी की सॉझ में रिश्ता सिन्दूरी हो जाता है
दिल के करीब और मन से गहरा हे जाता है
तजुर्बे जिंदगी से मन उजज्वल हुआ जाता है
श्वेत चॉदनी सा पाक और धवल हुआ जाता है
पालनहार के रंगों में रंग जाता है ..
हर रंग जीवन में नये आयाम ले आताहै

Language: Hindi
477 Views
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