Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jul 2016 · 1 min read

ये जीवन भी क्या हैं?

ये जीवन भी क्या हैं, कभी उत्थान तो कभी पतन,
कभी गूँज भरी किलकारियाँ, कभी मौत का निमंत्रण
कही लुटता हुआ धन हैं, कही घुटता हुआ मन,
कही हंसने पर पैसा हैं, कही रोना आजीवन !

– नीरज चौहान

Language: Hindi
5 Comments · 295 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Time Travel: Myth or Reality?
Time Travel: Myth or Reality?
Shyam Sundar Subramanian
जो गुरूर में है उसको गुरुर में ही रहने दो
जो गुरूर में है उसको गुरुर में ही रहने दो
कवि दीपक बवेजा
मुश्किल राहों पर भी, सफर को आसान बनाते हैं।
मुश्किल राहों पर भी, सफर को आसान बनाते हैं।
Neelam Sharma
दादी माॅ॑ बहुत याद आई
दादी माॅ॑ बहुत याद आई
VINOD CHAUHAN
Safed panne se rah gayi h meri jindagi
Safed panne se rah gayi h meri jindagi
Sakshi Tripathi
रामलला के विग्रह की जब, भव में प्राण प्रतिष्ठा होगी।
रामलला के विग्रह की जब, भव में प्राण प्रतिष्ठा होगी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
नव वर्ष हैप्पी वाला
नव वर्ष हैप्पी वाला
Satish Srijan
मुझको चाहिए एक वही
मुझको चाहिए एक वही
Keshav kishor Kumar
*चटकू मटकू (बाल कविता)*
*चटकू मटकू (बाल कविता)*
Ravi Prakash
लोग कह रहे हैं राजनीति का चरित्र बिगड़ गया है…
लोग कह रहे हैं राजनीति का चरित्र बिगड़ गया है…
Anand Kumar
అదే శ్రీ రామ ధ్యానము...
అదే శ్రీ రామ ధ్యానము...
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
फ़ितरत का रहस्य
फ़ितरत का रहस्य
Buddha Prakash
साहित्य क्षेत्रे तेल मालिश का चलन / MUSAFIR BAITHA
साहित्य क्षेत्रे तेल मालिश का चलन / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
!! दूर रहकर भी !!
!! दूर रहकर भी !!
Chunnu Lal Gupta
आज के युग में नारीवाद
आज के युग में नारीवाद
Surinder blackpen
हासिल न कर सको
हासिल न कर सको
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जिंदगी का ये,गुणा-भाग लगा लो ll
जिंदगी का ये,गुणा-भाग लगा लो ll
गुप्तरत्न
मेरे हमसफ़र ...
मेरे हमसफ़र ...
हिमांशु Kulshrestha
रुकना हमारा काम नहीं...
रुकना हमारा काम नहीं...
AMRESH KUMAR VERMA
तू ज़रा धीरे आना
तू ज़रा धीरे आना
मनोज कुमार
बाल कविता: मछली
बाल कविता: मछली
Rajesh Kumar Arjun
बहुत कुछ जल रहा है अंदर मेरे
बहुत कुछ जल रहा है अंदर मेरे
डॉ. दीपक मेवाती
ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी,
Santosh Shrivastava
वो इबादत
वो इबादत
Dr fauzia Naseem shad
आलेख-गोविन्द सागर बांध ललितपुर उत्तर प्रदेश
आलेख-गोविन्द सागर बांध ललितपुर उत्तर प्रदेश
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तू मुझे क्या समझेगा
तू मुझे क्या समझेगा
Arti Bhadauria
*भगवान के नाम पर*
*भगवान के नाम पर*
Dushyant Kumar
अगर आप नकारात्मक हैं
अगर आप नकारात्मक हैं
*Author प्रणय प्रभात*
पत्रकारो द्वारा आज ट्रेन हादसे के फायदे बताये जायेंगें ।
पत्रकारो द्वारा आज ट्रेन हादसे के फायदे बताये जायेंगें ।
Kailash singh
Loading...