Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jul 2016 · 1 min read

ये जीवन भी क्या हैं?

ये जीवन भी क्या हैं, कभी उत्थान तो कभी पतन,
कभी गूँज भरी किलकारियाँ, कभी मौत का निमंत्रण
कही लुटता हुआ धन हैं, कही घुटता हुआ मन,
कही हंसने पर पैसा हैं, कही रोना आजीवन !

– नीरज चौहान

Language: Hindi
5 Comments · 292 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बलात-कार!
बलात-कार!
अमित कुमार
2682.*पूर्णिका*
2682.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पिया-मिलन
पिया-मिलन
Kanchan Khanna
Bato ki garma garmi me
Bato ki garma garmi me
Sakshi Tripathi
अमीरों की गलियों में
अमीरों की गलियों में
gurudeenverma198
#दोहे
#दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
बाल कविता: तितली
बाल कविता: तितली
Rajesh Kumar Arjun
◆ सीधी बात 👌
◆ सीधी बात 👌
*Author प्रणय प्रभात*
नफ़रत कि आग में यहां, सब लोग जल रहे,
नफ़रत कि आग में यहां, सब लोग जल रहे,
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Even if you stand
Even if you stand
Dhriti Mishra
तनहा
तनहा
Rekha Drolia
मेरी सरलता की सीमा कोई नहीं जान पाता
मेरी सरलता की सीमा कोई नहीं जान पाता
Pramila sultan
बिहार–झारखंड की चुनिंदा दलित कविताएं (सम्पादक डा मुसाफ़िर बैठा & डा कर्मानन्द आर्य)
बिहार–झारखंड की चुनिंदा दलित कविताएं (सम्पादक डा मुसाफ़िर बैठा & डा कर्मानन्द आर्य)
Dr MusafiR BaithA
समरथ को नही दोष गोसाई
समरथ को नही दोष गोसाई
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वर्ष तिरासी से अब तक जो बीते चार दशक
वर्ष तिरासी से अब तक जो बीते चार दशक
Ravi Prakash
SHELTER OF LIFE
SHELTER OF LIFE
Awadhesh Kumar Singh
माटी
माटी
AMRESH KUMAR VERMA
"ले जाते"
Dr. Kishan tandon kranti
बापू के संजय
बापू के संजय
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"चार पैरों वाला मेरा यार"
Lohit Tamta
अच्छाई बनाम बुराई :- [ अच्छाई का फल ]
अच्छाई बनाम बुराई :- [ अच्छाई का फल ]
Surya Barman
दिल ने दिल को पुकारा, दिल तुम्हारा हो गया
दिल ने दिल को पुकारा, दिल तुम्हारा हो गया
Ram Krishan Rastogi
जब स्वयं के तन पर घाव ना हो, दर्द समझ नहीं आएगा।
जब स्वयं के तन पर घाव ना हो, दर्द समझ नहीं आएगा।
Manisha Manjari
आदमी खरीदने लगा है आदमी को ऐसे कि-
आदमी खरीदने लगा है आदमी को ऐसे कि-
Mahendra Narayan
यही समय है!
यही समय है!
Saransh Singh 'Priyam'
#हाँसो_र_मुस्कान
#हाँसो_र_मुस्कान
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
धुँधली तस्वीर
धुँधली तस्वीर
DrLakshman Jha Parimal
रफ्ता रफ्ता हमने जीने की तलब हासिल की
रफ्ता रफ्ता हमने जीने की तलब हासिल की
कवि दीपक बवेजा
Loading...