Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Mar 2017 · 1 min read

“युवा प्रेरणा”

हे युवा जाग कुछ करके दिखा दे
कर्म ऐसा कर सारे जग को हिला दे
मातृभूमि की आन बनो तुम
देश का स्वाभिमान बनो तुम
साहस और सम्मान बनो तुम
दोस्ती की शान बनो तुम कोई चले पदचिन्ह पर तू पदचिन्ह बना दे। हे युवा जाग कुछ करके दिखा दे
कर्म ऐसा कर सारे जग को हिला दे।

संस्कृति की शान बनो तुम
देश का सम्मान बनो तुम
विश्व की पहचान बनो तुम
राष्ट्र का गान बनो तुम
भारत का सौभाग्य बनो तुम
घर घर का भाग्य बनो तुम
मार्ग ऐसा चुन जो मिसाल बना दे।
हे युवा जाग कुछ करके दिखा दे
कर्म ऐसा कर सारे जग को हिला दे

प्रगति की चाल बनो तुम
हिमालय का भाल बनो तुम
देश के पहरेदार बनो तुम
राष्ट्र के करतार बनो तुम
गरीबों के हमदर्द बनो तुम
नारी रक्षक मर्द बनो तुम
गीत ऐसा गा की सारे जग को हिला दे ।
हे युवा जाग कुछ करके दिखा दे
कर्म ऐसा कर सारे जग को हिला ।

ज्ञानियों का ज्ञान बनो तुम
सत्य की पहचान बनो तुम
धर्म और ईमान बनो तुम
कर्मपथ की राह बनो तुम
विजय का स्वरनाद बनो तुम
प्रेरणा की आवाज बनो तुम।
शिक्षा के दीपक को चहू और जला दे।
हे युवा जाग कुछ करके दिखा दे
कर्म ऐसा कर सारे जग को हिला दे।

प्रशांत शर्मा “सरल”
नेहरू वार्ड नरसिंहपुर
मोबाइल नंबर9009594797

Language: Hindi
Tag: गीत
1713 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
लोग हमसे ख़फा खफ़ा रहे
लोग हमसे ख़फा खफ़ा रहे
Surinder blackpen
ज़िंदगी को
ज़िंदगी को
Sangeeta Beniwal
अरमान
अरमान
Neeraj Agarwal
आँखों में अब बस तस्वीरें मुस्कुराये।
आँखों में अब बस तस्वीरें मुस्कुराये।
Manisha Manjari
मिलती नहीं खुशी अब ज़माने पहले जैसे कहीं भी,
मिलती नहीं खुशी अब ज़माने पहले जैसे कहीं भी,
manjula chauhan
मेरी हर आरजू में,तेरी ही ज़ुस्तज़ु है
मेरी हर आरजू में,तेरी ही ज़ुस्तज़ु है
Pramila sultan
■ आज की ग़ज़ल
■ आज की ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
*शराब का पहला दिन (कहानी)*
*शराब का पहला दिन (कहानी)*
Ravi Prakash
ईमान धर्म बेच कर इंसान खा गया।
ईमान धर्म बेच कर इंसान खा गया।
सत्य कुमार प्रेमी
हमारा चंद्रयान थ्री
हमारा चंद्रयान थ्री
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
जंगल में सर्दी
जंगल में सर्दी
Kanchan Khanna
चौपाई छंद में मान्य 16 मात्रा वाले दस छंद {सूक्ष्म अंतर से
चौपाई छंद में मान्य 16 मात्रा वाले दस छंद {सूक्ष्म अंतर से
Subhash Singhai
खून पसीने में हो कर तर बैठ गया
खून पसीने में हो कर तर बैठ गया
अरशद रसूल बदायूंनी
तेरे भीतर ही छिपा,
तेरे भीतर ही छिपा,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हरि घर होय बसेरा
हरि घर होय बसेरा
Satish Srijan
जीवन की विषम परिस्थितियों
जीवन की विषम परिस्थितियों
Dr.Rashmi Mishra
फुटपाथ
फुटपाथ
Prakash Chandra
वक़्त की रफ़्तार को
वक़्त की रफ़्तार को
Dr fauzia Naseem shad
क्या अजीब बात है
क्या अजीब बात है
Atul "Krishn"
💐प्रेम कौतुक-187💐
💐प्रेम कौतुक-187💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
!! पलकें भीगो रहा हूँ !!
!! पलकें भीगो रहा हूँ !!
Chunnu Lal Gupta
मजदूरों के साथ
मजदूरों के साथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अक्सर यूं कहते हैं लोग
अक्सर यूं कहते हैं लोग
Harminder Kaur
सर्वोपरि है राष्ट्र
सर्वोपरि है राष्ट्र
Dr. Harvinder Singh Bakshi
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
Rj Anand Prajapati
"गुल्लक"
Dr. Kishan tandon kranti
you don’t need a certain number of friends, you just need a
you don’t need a certain number of friends, you just need a
पूर्वार्थ
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
VINOD CHAUHAN
ये रंगा रंग ये कोतुहल                           विक्रम कु० स
ये रंगा रंग ये कोतुहल विक्रम कु० स
Vikram soni
रचना प्रेमी, रचनाकार
रचना प्रेमी, रचनाकार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Loading...