Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jul 2017 · 1 min read

यादों के सैलाबों में ….

यादों के सैलाबों में ….

शराबों में शबाबों में ख़्वाबों की किताबों में
..ज़िंदगी उलझी रही सवालों और जवाबों में
………कैद हूँ मुद्दत से मैं आरज़ूओं के शहर में
……………ज़िन्दा रहे वो हमेशा यादों के सैलाबों में

सुशील सरना

Language: Hindi
304 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
साल भर पहले
साल भर पहले
ruby kumari
तू प्रतीक है समृद्धि की
तू प्रतीक है समृद्धि की
gurudeenverma198
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Wakt ko thahra kar kisi mod par ,
Wakt ko thahra kar kisi mod par ,
Sakshi Tripathi
// श्री राम मंत्र //
// श्री राम मंत्र //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
माँ-बाप का किया सब भूल गए
माँ-बाप का किया सब भूल गए
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
क्या हुआ जो तूफ़ानों ने कश्ती को तोड़ा है
क्या हुआ जो तूफ़ानों ने कश्ती को तोड़ा है
Anil Mishra Prahari
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
SPK Sachin Lodhi
"होली है आई रे"
Rahul Singh
कविता माँ काली का गद्यानुवाद
कविता माँ काली का गद्यानुवाद
दुष्यन्त 'बाबा'
दिल में जो आता है।
दिल में जो आता है।
Taj Mohammad
मौन की सरहद
मौन की सरहद
Dr. Kishan tandon kranti
कहाॅं तुम पौन हो।
कहाॅं तुम पौन हो।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
🥀✍ *अज्ञानी की*🥀
🥀✍ *अज्ञानी की*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सूर्य देव
सूर्य देव
Bodhisatva kastooriya
जीवन का आत्मबोध
जीवन का आत्मबोध
ओंकार मिश्र
अब गूंजेगे मोहब्बत के तराने
अब गूंजेगे मोहब्बत के तराने
Surinder blackpen
वनमाली
वनमाली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
■ आप भी बनें सजग, उठाएं आवाज़
■ आप भी बनें सजग, उठाएं आवाज़
*Author प्रणय प्रभात*
फ़ितरत को जब से
फ़ितरत को जब से
Dr fauzia Naseem shad
जितना बर्बाद करने पे आया है तू
जितना बर्बाद करने पे आया है तू
कवि दीपक बवेजा
बात
बात
Shyam Sundar Subramanian
जिसके ना बोलने पर और थोड़ा सा नाराज़ होने पर तुम्हारी आँख से
जिसके ना बोलने पर और थोड़ा सा नाराज़ होने पर तुम्हारी आँख से
Vishal babu (vishu)
कितने बदल गये
कितने बदल गये
Suryakant Dwivedi
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
पिता और पुत्र
पिता और पुत्र
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
VEDANTA PATEL
फ़ेहरिस्त रक़ीबों की, लिखे रहते हो हाथों में,
फ़ेहरिस्त रक़ीबों की, लिखे रहते हो हाथों में,
Shreedhar
तंग जिंदगी
तंग जिंदगी
लक्ष्मी सिंह
तथाकथित धार्मिक बोलबाला झूठ पर आधारित है
तथाकथित धार्मिक बोलबाला झूठ पर आधारित है
Mahender Singh
Loading...