Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2017 · 1 min read

!!! मोहोब्बत !!

मोहोब्बत की दुश्मन नहीं
है ये दुनिया
वो सब समझती है
किसी की बर्बादी
कहीं हो न जाए
इसी लिए पीछा करती है दुनिया !!

यह सच है, कि प्यार करने वाले
छुप छुप के मिलते हैं
अकेले में खुली बगिया में
कुछ अलग सी हरकत करते हैं
सब पर उस का असर न पड़ जाए
तभी तो कुछ कहने को मजबूर है दुनिया !!

प्यार की भाषा अब कहीं नहीं
यूं ही बदनाम हो रहे हैं प्यार करने वाले
जिस्म की आग की तरफ आकर्षित हैं
तभी तो एकान्त की तरफ वो बढ़ते हैं
कुछ गलत न हो जाए किसी के साथ
बस उसी को बचाने भाग देती है दुनिया !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
500 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
किसी तरह मां ने उसको नज़र से बचा लिया।
किसी तरह मां ने उसको नज़र से बचा लिया।
Phool gufran
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
Umender kumar
"दोस्ती"
Dr. Kishan tandon kranti
इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ
इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ
Rj Anand Prajapati
फूल मोंगरा
फूल मोंगरा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
परेशान देख भी चुपचाप रह लेती है
परेशान देख भी चुपचाप रह लेती है
Keshav kishor Kumar
हर पल
हर पल
Neelam Sharma
हमारे तो पूजनीय भीमराव है
हमारे तो पूजनीय भीमराव है
gurudeenverma198
पिताजी का आशीर्वाद है।
पिताजी का आशीर्वाद है।
Kuldeep mishra (KD)
उम्र के इस पडाव
उम्र के इस पडाव
Bodhisatva kastooriya
सब कुर्सी का खेल है
सब कुर्सी का खेल है
नेताम आर सी
दोय चिड़कली
दोय चिड़कली
Rajdeep Singh Inda
।। गिरकर उठे ।।
।। गिरकर उठे ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
*वैराग्य के आठ दोहे*
*वैराग्य के आठ दोहे*
Ravi Prakash
घर के आंगन में
घर के आंगन में
Shivkumar Bilagrami
बचपन अपना अपना
बचपन अपना अपना
Sanjay ' शून्य'
✍🏻 ■ रसमय दोहे...
✍🏻 ■ रसमय दोहे...
*Author प्रणय प्रभात*
आंसुओं के समंदर
आंसुओं के समंदर
अरशद रसूल बदायूंनी
नारी के हर रूप को
नारी के हर रूप को
Dr fauzia Naseem shad
क्यूँ करते हो तुम हम से हिसाब किताब......
क्यूँ करते हो तुम हम से हिसाब किताब......
shabina. Naaz
हे! नव युवको !
हे! नव युवको !
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ओ माँ... पतित-पावनी....
ओ माँ... पतित-पावनी....
Santosh Soni
🥀✍ *अज्ञानी की*🥀
🥀✍ *अज्ञानी की*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मिट्टी का बदन हो गया है
मिट्टी का बदन हो गया है
Surinder blackpen
एक अबोध बालक
एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दर्द भरा गीत यहाँ गाया जा सकता है Vinit Singh Shayar
दर्द भरा गीत यहाँ गाया जा सकता है Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
मनुष्य जीवन - एक अनसुलझा यक्ष प्रश्न
मनुष्य जीवन - एक अनसुलझा यक्ष प्रश्न
Shyam Sundar Subramanian
आहट
आहट
Er. Sanjay Shrivastava
मन का डर
मन का डर
Aman Sinha
सच तो हम तुम बने हैं
सच तो हम तुम बने हैं
Neeraj Agarwal
Loading...