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13 Aug 2017 · 1 min read

मोतिए अश्अ़ पिरोये होंगे

2122 1122 22
ग़ज़ल
**********
दर्द पहलू में जो सोये होंगे
अश्क़ से तकिया भिगोए होंगे
?????????
याद दुनिया की कुछ नहीं होगी
तेरे ख्यालों में जो खोये होंगे
?????????
काटना तो है बस वही तुमको
फूल काँटें जो भी बोये होंगे
?????????
साथ जो छूट गया अपनों का
बैठ कर तन्हा वो रोये होंगे
?????????
क्या गिला गैरों से करते यारों
नाव अपने ही डुबोये होंगे
?????????
फैसले जीस्त के वो सुन करके
लाश हसरत के ही ढोये होंगे
?????????
हार यादों के बनाने खातिर
मोतिए-अश्क़ पिरोये होंगे
?????????
मुझको देकर के जुदाई “प्रीतम”
सच कहो क्या वो न रोये होंगे
?????????
प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)
??????????
गिन रहा तारे गगन में वह जब
लोग आराम से सोये होंगे

——-@गिरह
????????????????

176 Views
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