Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Mar 2017 · 1 min read

मोक्ष

मोक्ष..
‘मानव की अंतिम इक्छा का,
एक अबुझ पहेली,
क्या ‘जीवन’ के कर्मों से मुक्त होना है मोक्ष
या इस नश्वर शरीर को त्यागना है मोक्ष
विचारें,
क्या शरीर से आत्मा का अलग होना है मोक्ष.
त्रिलोक का यह अनोखा ‘शब्द’
जो न जाने कितने रूप से परिभाषित है
जितने पंथ उतनी व्याख्याएं
पर कितना सरल है
इसको इस रूप में
परिभाषित करना-
कर्म की निरंतरता है मोक्ष
मानव की सेवा में संलिप्त हो जाना है मोक्ष
ईश्वर के प्रतिनिधित्व को निभाना है यह मोक्ष
यह मोक्ष
न धार्मिक कर्मकाण्ड है
और न कोई जटिल प्रक्रिया
यह है अमिट छाप छोड़कर
शरीर को त्यागने के सत्य को स्वीकार करने की कला
यह है-
प्रभु द्वारा प्रदत्त शक्ति का
मानवता की
सेवा में
यथावत् समर्पित करना.

Language: Hindi
1 Like · 731 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
View all
You may also like:
-बहुत देर कर दी -
-बहुत देर कर दी -
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........
फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........
shabina. Naaz
मेरा सुकून
मेरा सुकून
Umesh Kumar Sharma
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
जगदीश शर्मा सहज
लिखते रहिए ...
लिखते रहिए ...
Dheerja Sharma
लाइफ का कोई रिमोट नहीं होता
लाइफ का कोई रिमोट नहीं होता
शेखर सिंह
कोहली किंग
कोहली किंग
पूर्वार्थ
गुज़िश्ता साल
गुज़िश्ता साल
Dr.Wasif Quazi
जीवन मार्ग आसान है...!!!!
जीवन मार्ग आसान है...!!!!
Jyoti Khari
मेरी सोच~
मेरी सोच~
दिनेश एल० "जैहिंद"
दो पल की जिन्दगी मिली ,
दो पल की जिन्दगी मिली ,
Nishant prakhar
इ इमली से
इ इमली से
Dr. Kishan tandon kranti
नीरोगी काया
नीरोगी काया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
बड़ा मुश्किल है ये लम्हे,पल और दिन गुजारना
बड़ा मुश्किल है ये लम्हे,पल और दिन गुजारना
'अशांत' शेखर
■ शर्मनाक प्रपंच...
■ शर्मनाक प्रपंच...
*Author प्रणय प्रभात*
हम जिएँ न जिएँ दोस्त
हम जिएँ न जिएँ दोस्त
Vivek Mishra
इतना ना हमे सोचिए
इतना ना हमे सोचिए
The_dk_poetry
मन तो करता है मनमानी
मन तो करता है मनमानी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वफा से वफादारो को पहचानो
वफा से वफादारो को पहचानो
goutam shaw
3018.*पूर्णिका*
3018.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जब अथक प्रयास करने के बाद आप अपनी खराब आदतों पर विजय प्राप्त
जब अथक प्रयास करने के बाद आप अपनी खराब आदतों पर विजय प्राप्त
Paras Nath Jha
आपके अन्तर मन की चेतना अक्सर जागृत हो , आपसे , आपके वास्तविक
आपके अन्तर मन की चेतना अक्सर जागृत हो , आपसे , आपके वास्तविक
Seema Verma
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
नया जमाना आ गया, रही सास कब खास(कुंडलिया)
नया जमाना आ गया, रही सास कब खास(कुंडलिया)
Ravi Prakash
*****राम नाम*****
*****राम नाम*****
Kavita Chouhan
देखना हमको
देखना हमको
Dr fauzia Naseem shad
छेड़ता है मुझको यशोदा मैया
छेड़ता है मुझको यशोदा मैया
gurudeenverma198
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
क्यों तुमने?
क्यों तुमने?
Dr. Meenakshi Sharma
💐प्रेम कौतुक-407💐
💐प्रेम कौतुक-407💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...