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8 Jul 2016 · 2 min read

मै लिखता जो गीत नही है जीवन की सच्चाई है !!

मै लिखता जो गीत नही है जीवन की सच्चाई है !
जब जब भी दुःखदर्द है देखा अपनी कलम चलाईं है !!

जब घुटनों के बल चलता था तब मुझको न खलता था !
अलग किया जब अपनों ने तब देख मेरा दिल जलता था !!

दादा जी गुजर चुके थे हिस्से में दादी भी न आई है !
मै लिखता जो गीत नही है जीवन की सच्चाई है !!

देख गरीबी सब ने मेरी अपना कसर निकाला है !
बच्चो का तो पेट भरा माँ खाया नही निवाला है !

सच कहता हूँ यार प्रभु ने सबकी लाज बचाई है !
मै लिखता जो गीत नही है जीवन की सच्चाई है !!

पापा जी परदेस में रहते घर में तो मालिकाना था !
जग में रोशन नाम हो अपना ऐसा हमने ठाना था !!

लाख बुरा हूँ लेकिन मुझमें थोड़ी सी अच्छाई है !
मै लिखता जो गीत नही है जीवन की सच्चाई है !!

कुछ लोगो ने मार्ग परिवर्तित कर मुझको भत्काया था !
अब क्या होगा इस जीवन क्या सोच सोच घबराया था !!

मेरे मम्मी पापा इतने अच्छे लक्ष्मण जैसे भाई है !
मै लिखता जो गीत नही है जीवन की सच्चाई है !!

चला गाया मै उस रस्ते में जहां घनघोर अँधेरा था !
चिलम चढाये बैठे रहते न दिन रात सबेरा था !!

देख लिया हमने जग सारा अपनों से ठोकर खाई है !
मै लिखता जो गीत नही है जीवन की सच्चाई है !!

मै मूर्ख नही यारों जो अपने बारे में लिखता रहता हूँ !
मेरे इस गलती से सीखो कविता के द्वारा कहता हूँ !!

का वर्षा जब कृषि सुखाने कॉलेज डिग्री पाई है !
मै लिखता जो गीत नही है जीवन की सच्चाई है !!

Language: Hindi
4 Comments · 485 Views
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