Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Mar 2017 · 1 min read

” मैं पुष्प बनना चाहता हूँ “

मैं पुष्प बनना चाहता हूँ,
मैं प्रकृति के रंगों में रंगना चाहता हूँ ,
सौन्दर्य का प्रतीक बनकर मैं अपनी सुन्दरता बिखेरना चाहता हूँ ,
काँटों के बीच रहकर भी मैं खिलना चाहता हूँ ,
जी हाँ , ” मैं पुष्प बनना चाहता हूँ ” ।

मैं प्रेमी युगल की पहली मुलाकात का हिस्सा बनना चाहता हूँ ,
मैं सुहागन के केशों में लिपटा हुआ गजरा बनकर,
उसकी सुन्दरता बढ़ाना चाहता हूँ ।
मांगलिक सुअवसरों पर मैं अपनी उपस्तिथि देना चाहता हूँ,
जी हाँ , ” मैं पुष्प बनना चाहता हूँ ” ।

मूर्तियों को मस्तक से चरणों तक मैं अलंकृत करना चाहता हूँ ,
हर मन्दिर हर दरगाह में समर्पण होना चाहता हूँ,
हर मजहब में मैं आस्था का प्रतीक बनना चाहता हूँ ,
मैं नफरत की भावना को प्रेम में बदलना चाहता हूँ
जी हाँ, ” मैं पुष्प बनना चाहता हूँ ” ।

मैं शिशु के जन्म पर बरसना चाहता हूँ ,
मैं वर-वधु के मिलाप का साक्षी बनना चाहता हूँ ,
अपने आशियाने में भँवरों का मधुर संगीत सुनना चाहता हूँ ,
कुचले जाने से पहले मैं किसी को सम्मानित करना चाहता हूँ ,
जी हाँ , ” मैं पुष्प बनना चाहता हूँ ।

भाष्कर की किरणों के साथ अपने दिन की शुरुआत करना चाहता हूँ ,
मैं खिलना चाहता हूँ , मैं महकना चाहता हूँ ,
जानता हूँ पुष्प बनकर कुछ दिनों का जीवन होगा मेरा,
लेकिन इन कुछ दिनों में ही मैं सबकी पसंद बनना चाहता हूँ ,
जी हाँ , ” मैं पुष्प बनना चाहता हूँ ।

– अमित नैथाणी ‘मिट्ठू’ ( अनभिज्ञ )

Language: Hindi
326 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" तितलियांँ"
Yogendra Chaturwedi
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गुलाम
गुलाम
Punam Pande
2957.*पूर्णिका*
2957.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-509💐
💐प्रेम कौतुक-509💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तुमने दिल का
तुमने दिल का
Dr fauzia Naseem shad
प्यार नहीं तो कुछ नहीं
प्यार नहीं तो कुछ नहीं
Shekhar Chandra Mitra
कहाँ-कहाँ नहीं ढूंढ़ा तुमको
कहाँ-कहाँ नहीं ढूंढ़ा तुमको
Ranjana Verma
दिवाली मुबारक नई ग़ज़ल विनीत सिंह शायर
दिवाली मुबारक नई ग़ज़ल विनीत सिंह शायर
Vinit kumar
आतंक, आत्मा और बलिदान
आतंक, आत्मा और बलिदान
Suryakant Dwivedi
विध्वंस का शैतान
विध्वंस का शैतान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
शायरी
शायरी
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
*संस्कारों की दात्री*
*संस्कारों की दात्री*
Poonam Matia
■ सतर्क_रहें_सुरक्षित_रहेंगे
■ सतर्क_रहें_सुरक्षित_रहेंगे
*Author प्रणय प्रभात*
अब किसका है तुमको इंतजार
अब किसका है तुमको इंतजार
gurudeenverma198
मतिभ्रष्ट
मतिभ्रष्ट
Shyam Sundar Subramanian
कर्तव्यपथ
कर्तव्यपथ
जगदीश शर्मा सहज
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
राह पर चलते चलते घटित हो गई एक अनहोनी, थम गए कदम,
राह पर चलते चलते घटित हो गई एक अनहोनी, थम गए कदम,
नव लेखिका
*जो बेमौत मरा उसकी ऑंखों में भीषण ज्वाला है (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*जो बेमौत मरा उसकी ऑंखों में भीषण ज्वाला है (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
एक ऐसे कथावाचक जिनके पास पत्नी के अस्थि विसर्जन तक के लिए पै
एक ऐसे कथावाचक जिनके पास पत्नी के अस्थि विसर्जन तक के लिए पै
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
एकांत मन
एकांत मन
TARAN VERMA
दीवारें ऊँचीं हुईं, आँगन पर वीरान ।
दीवारें ऊँचीं हुईं, आँगन पर वीरान ।
Arvind trivedi
पति
पति
लक्ष्मी सिंह
छीना झपटी के इस युग में,अपना स्तर स्वयं निर्धारित करें और आत
छीना झपटी के इस युग में,अपना स्तर स्वयं निर्धारित करें और आत
विमला महरिया मौज
रंगों  में   यूँ  प्रेम   को   ऐसे   डालो   यार ।
रंगों में यूँ प्रेम को ऐसे डालो यार ।
Vijay kumar Pandey
"वक्त के पाँव"
Dr. Kishan tandon kranti
चाँद से बातचीत
चाँद से बातचीत
मनोज कर्ण
ये हवा ये मौसम ये रुत मस्तानी है
ये हवा ये मौसम ये रुत मस्तानी है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Loading...