Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jan 2017 · 1 min read

**** मैं पत्थर नहीं हूँ *****

मैं पत्थर नहीं हूं
जो फैंक दे तूं
दिल से निकाल
और
मुझे दर्द ना हो
ज़रा सोच के तो देख
किसी को घर से
बेदखल करने पर
क्या हाल होता होगा
सीने में दिल है अगर
तो
टटोलकर देख उसको
यूं वफ़ा से कोई दिलबर
बेवफ़ा नहीं होता ।।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
209 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
Manisha Manjari
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
छोटी कहानी- 'सोनम गुप्ता बेवफ़ा है' -प्रतिभा सुमन शर्मा
छोटी कहानी- 'सोनम गुप्ता बेवफ़ा है' -प्रतिभा सुमन शर्मा
Pratibhasharma
नूतन सद्आचार मिल गया
नूतन सद्आचार मिल गया
Pt. Brajesh Kumar Nayak
" चुस्की चाय की संग बारिश की फुहार
Dr Meenu Poonia
एक उजली सी सांझ वो ढलती हुई
एक उजली सी सांझ वो ढलती हुई
नूरफातिमा खातून नूरी
कुछ भी होगा, ये प्यार नहीं है
कुछ भी होगा, ये प्यार नहीं है
Anil chobisa
हवन
हवन
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सड़क जो हाइवे बन गया
सड़क जो हाइवे बन गया
आर एस आघात
अपनी समझ और सूझबूझ से,
अपनी समझ और सूझबूझ से,
आचार्य वृन्दान्त
मोरनी जैसी चाल
मोरनी जैसी चाल
Dr. Vaishali Verma
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
दंगे-फसाद
दंगे-फसाद
Shekhar Chandra Mitra
दिल पे पत्थर ना रखो
दिल पे पत्थर ना रखो
shabina. Naaz
*थर्मस (बाल कविता)*
*थर्मस (बाल कविता)*
Ravi Prakash
-अपनी कैसे चलातें
-अपनी कैसे चलातें
Seema gupta,Alwar
सरकारी नौकरी लगने की चाहत ने हमे ऐसा घेरा है
सरकारी नौकरी लगने की चाहत ने हमे ऐसा घेरा है
पूर्वार्थ
पैसा अगर पास हो तो
पैसा अगर पास हो तो
शेखर सिंह
प्रभु की शरण
प्रभु की शरण
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दोयम दर्जे के लोग
दोयम दर्जे के लोग
Sanjay ' शून्य'
23/16.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/16.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अज्ञानता निर्धनता का मूल
अज्ञानता निर्धनता का मूल
लक्ष्मी सिंह
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
Shyam Sundar Subramanian
इंसानियत
इंसानियत
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
अपना...❤❤❤
अपना...❤❤❤
Vishal babu (vishu)
चमकते सूर्य को ढलने न दो तुम
चमकते सूर्य को ढलने न दो तुम
कृष्णकांत गुर्जर
सलाह .... लघुकथा
सलाह .... लघुकथा
sushil sarna
मैं तुम और हम
मैं तुम और हम
Ashwani Kumar Jaiswal
जब से हैं तब से हम
जब से हैं तब से हम
Dr fauzia Naseem shad
"सच का टुकड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...