Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2017 · 1 min read

” ———————————————मैंने कहा दुआ आई ” !!

माँ के पोपले, मुंह से यों हवा आई /
लोग हँसते रहे,मैंने कहा दुआ आई //

कच्ची दीवारें थी ,अब इमारत है खड़ी /
माँ की मेहनत , क्या अजब रंग लाई //

धोंकनी ,धुआं ,थी माथे पे सिलवटें /
माँ जवानी में ही ,बुढ़ापा उठा लाई //

मुश्किलें थीं , तंग राहें , छोर न था /
माँ के होंसले थे , हमने मंजिल पाई //

मैला आँचल , माँ की गोद का असर था /
करवट बदल कर ज़िन्दगी, खुशियाँ लाई //

835 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अपने जीवन के प्रति आप जैसी धारणा रखते हैं,बदले में आपका जीवन
अपने जीवन के प्रति आप जैसी धारणा रखते हैं,बदले में आपका जीवन
Paras Nath Jha
दोहा
दोहा
sushil sarna
हम तो किरदार की
हम तो किरदार की
Dr fauzia Naseem shad
मातृभाषा हिन्दी
मातृभाषा हिन्दी
ऋचा पाठक पंत
महोब्बत की बस इतनी सी कहानी है
महोब्बत की बस इतनी सी कहानी है
शेखर सिंह
औरत का जीवन
औरत का जीवन
Dheerja Sharma
कोशिश करना छोरो मत,
कोशिश करना छोरो मत,
Ranjeet kumar patre
1) आखिर क्यों ?
1) आखिर क्यों ?
पूनम झा 'प्रथमा'
उत्साह का नव प्रवाह
उत्साह का नव प्रवाह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*खाई दावत राजसी, किस्मों की भरमार【हास्य कुंडलिया】*
*खाई दावत राजसी, किस्मों की भरमार【हास्य कुंडलिया】*
Ravi Prakash
यूनिवर्सल सिविल कोड
यूनिवर्सल सिविल कोड
Dr. Harvinder Singh Bakshi
मैं तुझसे बेज़ार बहुत
मैं तुझसे बेज़ार बहुत
Shweta Soni
करुणा का भाव
करुणा का भाव
shekhar kharadi
मेरे बाबूजी लोककवि रामचरन गुप्त +डॉ. सुरेश त्रस्त
मेरे बाबूजी लोककवि रामचरन गुप्त +डॉ. सुरेश त्रस्त
कवि रमेशराज
नाम उल्फत में तेरे जिंदगी कर जाएंगे।
नाम उल्फत में तेरे जिंदगी कर जाएंगे।
Phool gufran
माँ का प्यार है अनमोल
माँ का प्यार है अनमोल
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
जीतना अच्छा है,पर अपनों से हारने में ही मज़ा है।
जीतना अच्छा है,पर अपनों से हारने में ही मज़ा है।
अनिल कुमार निश्छल
लैला लैला
लैला लैला
Satish Srijan
Mai deewana ho hi gya
Mai deewana ho hi gya
Swami Ganganiya
*गोल- गोल*
*गोल- गोल*
Dushyant Kumar
गुलाब दिवस ( रोज डे )🌹
गुलाब दिवस ( रोज डे )🌹
Surya Barman
तुम्हारा प्यार अब मिलता नहीं है।
तुम्हारा प्यार अब मिलता नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
💐प्रेम कौतुक-362💐
💐प्रेम कौतुक-362💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
पड़ते ही बाहर कदम, जकड़े जिसे जुकाम।
पड़ते ही बाहर कदम, जकड़े जिसे जुकाम।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कौन है जिम्मेदार?
कौन है जिम्मेदार?
Pratibha Pandey
एक अलग ही दुनिया
एक अलग ही दुनिया
Sangeeta Beniwal
हक हैं हमें भी कहने दो
हक हैं हमें भी कहने दो
SHAMA PARVEEN
कपूत।
कपूत।
Acharya Rama Nand Mandal
ਸਤਾਇਆ ਹੈ ਲੋਕਾਂ ਨੇ
ਸਤਾਇਆ ਹੈ ਲੋਕਾਂ ਨੇ
Surinder blackpen
Loading...