“मेरी डायरी से”
शर्मो-हया का चादर ओढ़े हुए थे,
देखा मैंने एक दिन अधर से अधर जोड़े हुए थे।
लगता है थोड़ा सा लिहाज़ किया था मेरा सायद,
देखकर मुझको दूसरी तरफ चेहरा मोड़े हुए थे।
…..✍पंकज शर्मा
शर्मो-हया का चादर ओढ़े हुए थे,
देखा मैंने एक दिन अधर से अधर जोड़े हुए थे।
लगता है थोड़ा सा लिहाज़ किया था मेरा सायद,
देखकर मुझको दूसरी तरफ चेहरा मोड़े हुए थे।
…..✍पंकज शर्मा