मेरा सौर मंडल
इस दुनिया की छोटी सी
आकाश गंगा में
एक नन्हा सौर मंडल है मेरा ।
मेरे प्रिय वर हैं सूरज उसके
मैं उनसे रोशन धरती हूँ ,
उनसे ही है अस्तित्व मेरा
मैं उन पर निर्भर करती हूँ ।
बेटा मेरा चंद्र सम है
वो मुझ से ही आशा करता है ,
मैं धरा हूँ वो उपग्रह मेरा
बस मेरी परिक्रमा करता है ।
अमर रहे यह मेरा सौर मंडल
बस यही कामना करती हूँ
प्रभु इसकी रक्षा करना
बस यही प्रार्थना करती हूँ ।
डॉ रीता
आया नगर,नई दिल्ली- 47