” मुस्कराहट खा रही चुगली ” !!
तैरते सपने दिखे हैं ,
Mail भी कितने लिखे हैं !
Pics भी इतनी बटोरी ,
भावना में सब बहे हैं !
बोल्ड हो गया कोई –
किसी ने डाल दी गुगली !!
नवल धवल प्यार है ,
खुशियों का उपहार है !
मिल गए हैं मन से मन ,
यों बहुतेरे इकरार हैं !
खूब बरतें सावधानी –
फिर भी उड़ चले गिल्ली !!
बढ़ गया विश्वास है ,
कुछ पाने का एहसास है !
उड़ने लगे हैं आसमां में –
अजीब सा आभास है !
रन दौड़ने में हैं जुटे –
मौसम हो रहा टल्ली !!
बृज व्यास