Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Oct 2016 · 1 min read

मुझे चलना है बस चलने दो

मै राह चला हूँ प्रीत मिलन की
मुझे चलना है बस चलने दो ||

प्रीत लगी जब दिव्य ओज से
उस ओज मे जाकर मिलना है
मोह पतंगे को ज्वाला का
ज्योति मे जाकर जलना है
मन को निर्मल करने मे
तन जलता है तो जलने दो |
मै राह चला हूँ प्रीत मिलन की
मुझे चलना है बस चलने दो ||

हर एक बूँद का लक्ष्य नही
सागर मे विलीन हो जाना
जीवन दायिनि बनने के लिए
कुछ का घरा मे खो जाना
जीवन देने की चाहत मे
अस्तित्व खोता है तो खोने दो |
मै राह चला हूँ प्रीत मिलन की
मुझे चलना है बस चलने दो ||

शून्य से द्विगुणित होकर
हर अंक शून्य बन जाता है
श्याम विविर मे मिल करके
हर रंग श्याम बन जाता है
श्याम मिलन की चाहत मे
रंग ढलता है तो ढलने दो |
मै राह चला हूँ प्रीत मिलन की
मुझे चलना है बस चलने दो ||

दरिया को पार करने मे
पैरो पर कीचड़ लगता है
लेकिन पथिक कब राहो की
कठिनाइयो से डरता है
मिट्टी की इस काया पर
कीचड़ लगता है तो लगने दो |
मै राह चला हूँ प्रीत मिलन की
मुझे चलना है बस चलने दो||

Language: Hindi
364 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
25)”हिन्दी भाषा”
25)”हिन्दी भाषा”
Sapna Arora
वो हमसे पराये हो गये
वो हमसे पराये हो गये
Dr. Man Mohan Krishna
बेटी
बेटी
Neeraj Agarwal
* विदा हुआ है फागुन *
* विदा हुआ है फागुन *
surenderpal vaidya
2989.*पूर्णिका*
2989.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सोई गहरी नींदों में
सोई गहरी नींदों में
Anju ( Ojhal )
जब आपके आस पास सच बोलने वाले न बचे हों, तो समझिए आस पास जो भ
जब आपके आस पास सच बोलने वाले न बचे हों, तो समझिए आस पास जो भ
Sanjay ' शून्य'
"यह कैसा दौर?"
Dr. Kishan tandon kranti
#दो_टूक
#दो_टूक
*Author प्रणय प्रभात*
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
Shekhar Chandra Mitra
मेरी जिंदगी भी तुम हो,मेरी बंदगी भी तुम हो
मेरी जिंदगी भी तुम हो,मेरी बंदगी भी तुम हो
कृष्णकांत गुर्जर
#drarunkumarshastri♥️❤️
#drarunkumarshastri♥️❤️
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हाथी के दांत
हाथी के दांत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
" तुम्हारी जुदाई में "
Aarti sirsat
कुछ काम करो , कुछ काम करो
कुछ काम करो , कुछ काम करो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
खामोशी मेरी मैं गुन,गुनाना चाहता हूं
खामोशी मेरी मैं गुन,गुनाना चाहता हूं
पूर्वार्थ
लहू का कतरा कतरा
लहू का कतरा कतरा
Satish Srijan
बसंत
बसंत
Bodhisatva kastooriya
फूलों से भी कोमल जिंदगी को
फूलों से भी कोमल जिंदगी को
Harminder Kaur
कम आ रहे हो ख़़्वाबों में आजकल,
कम आ रहे हो ख़़्वाबों में आजकल,
Shreedhar
नास्तिक
नास्तिक
ओंकार मिश्र
क्षणिक स्वार्थ में हो रहे, रिश्ते तेरह तीन।
क्षणिक स्वार्थ में हो रहे, रिश्ते तेरह तीन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक "धूप के उजाले में" पर एक नजर
Paras Nath Jha
"हे वसन्त, है अभिनन्दन.."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मेरा यार आसमां के चांद की तरह है,
मेरा यार आसमां के चांद की तरह है,
Dushyant Kumar Patel
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।
Manoj Mahato
*बीमारी जिसको हुई, उसका बंटाधार (कुंडलिया)*
*बीमारी जिसको हुई, उसका बंटाधार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दान की महिमा
दान की महिमा
Dr. Mulla Adam Ali
लोगों के अल्फाज़ ,
लोगों के अल्फाज़ ,
Buddha Prakash
बेटियाँ
बेटियाँ
विजय कुमार अग्रवाल
Loading...