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24 Dec 2016 · 1 min read

मुझे खेद है

मुझे खेद है उनके प्रति
जिनको कुत्तों से दोस्ती है
चील कौओं के जलसों से
जो होते है संबोधित,
जिनको गीदड़ में दिखता है
क्रांति का आह्वान
जिनको लोमड़ी में दिखता है
विकास …
विदेश की गौरियों में
जो पालते है
भारतीय संस्कृति के सुनहरे स्वप्न।

मुझे खेद है
उनके प्रति जो साँपों को
पिलाते है दूध में गुला विष
जो देते है प्रवचन
डसने के हुनर सीखने का,
धर्म की सीढ़ियों पर चलकर
जो बांटते है अशांति का प्रसाद।

मुझे खेद है
उनके प्रति जो करते है
नसबंदी की बाते
जिनको जनसंख्या की
शिकायत से ज़ुकाम है,
जो बेचते है मानवता के मर्म को
एक हरे नोट में
बिकता है सम्पूर्ण गुरु ज्ञान।

Language: Hindi
2 Likes · 499 Views
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