Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2017 · 1 min read

मुग्धा

कलियों से कोमलता पाई
लचक वल्लरी से आई
गात महकती फूलों सी
भँवरे के मन को है भायी।
अँखियों में मादकता बसती
मोहिनी सूरत मन भरमाई
लहराते गेसू नागिन से
चितचोर छवि मन हरसाई।
याद आयें साजन को वो पल
गुज़रे संग,प्रेम रादिनी गाई
क्या, कैसी भूल हुई मुझसे?
क्यूँ प्रियतम ने हूँ बिसरायी?
आ जाओ तपती हूँ निशिदिन
तकती हूँ पथ हरपल हरछिन
वो मुँदरी जाने कहाँ गई!
प्रियतम तुमने थी पहनायी। हरितिमा बीच बैठी सजनी
साजन की छवि संग ले आई
मुग्धा हो अपने साजन की
मन ही मन मुसका इठलाई।

अपर्णा थपलियाल

Language: Hindi
257 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
लोकसभा बसंती चोला,
लोकसभा बसंती चोला,
SPK Sachin Lodhi
3006.*पूर्णिका*
3006.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तेरे जाने के बाद ....
तेरे जाने के बाद ....
ओनिका सेतिया 'अनु '
पुष्प सम तुम मुस्कुराओ तो जीवन है ।
पुष्प सम तुम मुस्कुराओ तो जीवन है ।
Neelam Sharma
आरक्षण
आरक्षण
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Sanjay ' शून्य'
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Kanchan verma
दिल रंज का शिकार है और किस क़दर है आज
दिल रंज का शिकार है और किस क़दर है आज
Sarfaraz Ahmed Aasee
मुसाफिर हो तुम भी
मुसाफिर हो तुम भी
Satish Srijan
आज फ़िर दिल ने इक तमन्ना की..
आज फ़िर दिल ने इक तमन्ना की..
Rashmi Sanjay
सिंदूरी इस भोर ने, किरदार नया फ़िर मिला दिया ।
सिंदूरी इस भोर ने, किरदार नया फ़िर मिला दिया ।
Manisha Manjari
"पवित्र पौधा"
Dr. Kishan tandon kranti
"चाँदनी रातें"
Pushpraj Anant
*समारोह को पंखुड़ियॉं, बिखरी क्षणभर महकाती हैं (हिंदी गजल/ ग
*समारोह को पंखुड़ियॉं, बिखरी क्षणभर महकाती हैं (हिंदी गजल/ ग
Ravi Prakash
ये रंगो सा घुल मिल जाना,वो खुशियों भरा इजहार कर जाना ,फिजाओं
ये रंगो सा घुल मिल जाना,वो खुशियों भरा इजहार कर जाना ,फिजाओं
Shashi kala vyas
बिन मांगे ही खुदा ने भरपूर दिया है
बिन मांगे ही खुदा ने भरपूर दिया है
हरवंश हृदय
हमारा संघर्ष
हमारा संघर्ष
पूर्वार्थ
बेटियां! दोपहर की झपकी सी
बेटियां! दोपहर की झपकी सी
Manu Vashistha
अद्यावधि शिक्षा मां अनन्तपर्यन्तं नयति।
अद्यावधि शिक्षा मां अनन्तपर्यन्तं नयति।
शक्ति राव मणि
हनुमान बनना चाहूॅंगा
हनुमान बनना चाहूॅंगा
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
हो रहा अवध में इंतजार हे रघुनंदन कब आओगे।
हो रहा अवध में इंतजार हे रघुनंदन कब आओगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
माता पिता नर नहीं नारायण हैं ? ❤️🙏🙏
माता पिता नर नहीं नारायण हैं ? ❤️🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
नश्वर है मनुज फिर
नश्वर है मनुज फिर
Abhishek Kumar
■ शर्मनाक हालात
■ शर्मनाक हालात
*Author प्रणय प्रभात*
बिछ गई चौसर चौबीस की,सज गई मैदान-ए-जंग
बिछ गई चौसर चौबीस की,सज गई मैदान-ए-जंग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हालात भी बदलेंगे
हालात भी बदलेंगे
Dr fauzia Naseem shad
दहन
दहन
Shyam Sundar Subramanian
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
राह नहीं मंजिल नहीं बस अनजाना सफर है
राह नहीं मंजिल नहीं बस अनजाना सफर है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
Loading...