Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jul 2016 · 1 min read

मुक्तक

गमों के खेत में जो हौंसलों कि डाली है
इसी ने उस खुदा की बन्दगी बचा ली है
गुलों को देखकर जो हसरतें जवाँ थीं “मन”
खिजाँ के दौर ने वो हसरतें उठा ली है

Language: Hindi
1 Comment · 282 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्यार क्या है
प्यार क्या है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
आत्म अवलोकन कविता
आत्म अवलोकन कविता
कार्तिक नितिन शर्मा
तूफानों से लड़ना सीखो
तूफानों से लड़ना सीखो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
💐प्रेम कौतुक-332💐
💐प्रेम कौतुक-332💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जुड़वा भाई ( शिक्षाप्रद कहानी )
जुड़वा भाई ( शिक्षाप्रद कहानी )
AMRESH KUMAR VERMA
ढ़ांचा एक सा
ढ़ांचा एक सा
Pratibha Pandey
*** मुंह लटकाए क्यों खड़ा है ***
*** मुंह लटकाए क्यों खड़ा है ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
यह तुम्हारी गलत सोच है
यह तुम्हारी गलत सोच है
gurudeenverma198
एहसास.....
एहसास.....
Harminder Kaur
तुम्हारी यादें
तुम्हारी यादें
अजहर अली (An Explorer of Life)
``बचपन```*
``बचपन```*
Naushaba Suriya
24/233. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/233. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उम्मीद.............एक आशा
उम्मीद.............एक आशा
Neeraj Agarwal
नवीन वर्ष (पञ्चचामर छन्द)
नवीन वर्ष (पञ्चचामर छन्द)
नाथ सोनांचली
अमृत वचन
अमृत वचन
Dinesh Kumar Gangwar
" तेरा एहसान "
Dr Meenu Poonia
शिव अराधना
शिव अराधना
नवीन जोशी 'नवल'
ना हो अपनी धरती बेवा।
ना हो अपनी धरती बेवा।
Ashok Sharma
जीवन है पीड़ा, क्यों द्रवित हो
जीवन है पीड़ा, क्यों द्रवित हो
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मतदान करो मतदान करो
मतदान करो मतदान करो
Er. Sanjay Shrivastava
मन ही मन में मुस्कुराता कौन है।
मन ही मन में मुस्कुराता कौन है।
surenderpal vaidya
#निस्वार्थ-
#निस्वार्थ-
*Author प्रणय प्रभात*
ख़ुदी के लिए
ख़ुदी के लिए
Dr fauzia Naseem shad
नसीब में था अकेलापन,
नसीब में था अकेलापन,
Umender kumar
Tum to kahte the sath nibhaoge , tufano me bhi
Tum to kahte the sath nibhaoge , tufano me bhi
Sakshi Tripathi
ईश्वर के प्रतिरूप
ईश्वर के प्रतिरूप
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मेरे बाबूजी लोककवि रामचरन गुप्त +डॉ. सुरेश त्रस्त
मेरे बाबूजी लोककवि रामचरन गुप्त +डॉ. सुरेश त्रस्त
कवि रमेशराज
प्रथम पूज्य श्रीगणेश
प्रथम पूज्य श्रीगणेश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
Rj Anand Prajapati
Loading...