Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jul 2016 · 1 min read

मुक्तक

लगा दे घाव पर मरहम , दिवाना आज है कोई
कसकते लब हँसी ला दे , तराना साज है कोई
गुमशुदा हो भटकते जो , फिरे आतंक के तम में
जुदा रूहें मिला दे पल , बता वह राज है कोई

Language: Hindi
495 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सहारा
सहारा
Neeraj Agarwal
*क्रय करिएगा पुस्तकें (कुंडलिया)*
*क्रय करिएगा पुस्तकें (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
🚩एकांत महान
🚩एकांत महान
Pt. Brajesh Kumar Nayak
रमेशराज के चर्चित राष्ट्रीय बालगीत
रमेशराज के चर्चित राष्ट्रीय बालगीत
कवि रमेशराज
इक चाँद नज़र आया जब रात ने ली करवट
इक चाँद नज़र आया जब रात ने ली करवट
Sarfaraz Ahmed Aasee
मेहबूब की शायरी: मोहब्बत
मेहबूब की शायरी: मोहब्बत
Rajesh Kumar Arjun
कभी एक तलाश मेरी खुद को पाने की।
कभी एक तलाश मेरी खुद को पाने की।
Manisha Manjari
डर-डर से जिंदगी यूं ही खत्म हो जाएगी एक दिन,
डर-डर से जिंदगी यूं ही खत्म हो जाएगी एक दिन,
manjula chauhan
"ईश्वर की गति"
Ashokatv
"ऐसा करें कुछ"
Dr. Kishan tandon kranti
हुनर मौहब्बत के जिंदगी को सीखा गया कोई।
हुनर मौहब्बत के जिंदगी को सीखा गया कोई।
Phool gufran
मैं भी कवि
मैं भी कवि
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Jindagi ka safar bada nirala hai ,
Jindagi ka safar bada nirala hai ,
Sakshi Tripathi
जय श्रीकृष्ण । ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ।
जय श्रीकृष्ण । ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ।
Raju Gajbhiye
संसार का स्वरूप(3)
संसार का स्वरूप(3)
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
नील गगन
नील गगन
नवीन जोशी 'नवल'
कैसा फसाना है
कैसा फसाना है
Dinesh Kumar Gangwar
करवाचौथ (कुंडलिया)
करवाचौथ (कुंडलिया)
दुष्यन्त 'बाबा'
विचारों में मतभेद
विचारों में मतभेद
Dr fauzia Naseem shad
■ आज की लघुकथा
■ आज की लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
"वेश्या का धर्म"
Ekta chitrangini
मेरी तकलीफ़ पे तुझको भी रोना चाहिए।
मेरी तकलीफ़ पे तुझको भी रोना चाहिए।
पूर्वार्थ
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
संसार है मतलब का
संसार है मतलब का
अरशद रसूल बदायूंनी
আজ রাতে তোমায় শেষ চিঠি লিখবো,
আজ রাতে তোমায় শেষ চিঠি লিখবো,
Sakhawat Jisan
पतझड़ से बसंत तक
पतझड़ से बसंत तक
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ
विनोद सिल्ला
शायद ऐसा भ्रम हो
शायद ऐसा भ्रम हो
Rohit yadav
💐प्रेम कौतुक-260💐
💐प्रेम कौतुक-260💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
Neelam Sharma
Loading...