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10 Sep 2017 · 1 min read

मुक्तक

शामें-गम को तेरे नाम मैं करता हूँ!
दर्दे-तन्हाई को सलाम मैं करता हूँ!
शौक अभी जिन्दा है खुद को जलाने का,
बस यही शामों-सहर काम मैं करता हूँ!

मुक्तककार-#मिथिलेश_राय

Language: Hindi
261 Views
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