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7 Aug 2017 · 1 min read

मुक्तक

तुम देखकर भी मुझको ठहरते नहीं हो!
तुम सामने मेरे कभी रहते नहीं हो!
बेचैनियों का शोर है ख्यालों में मगर,
तुम अपनी जुबां से कभी कहते नहीं हो!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
216 Views
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