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16 Jul 2017 · 1 min read

मुक्तक

………….शब्द चूड़ियाँ…………

पैरों में पायल ,हाथों में चूडियाँ…
युवतियों को लगने लगीं अब बेड़ियाँ…
खो जायेगी यह खनखनाहट इनकी ..
संस्कृति को गर न समझेंगी बेटियाँ

सुहागन के हाथों में चूड़ियाँ सजती हैं
खनखन की मधुर आवाज कर जब बजती हैं
एहसास कराती हैं सुहागन होने का
कुछ तो इनकी खनक सुनने को तरसती है
रागिनी गर्ग

Language: Hindi
4 Likes · 323 Views
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