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16 Jun 2017 · 1 min read

मुक्तक

तेरे सिवा कुछ भी नजर आता नहीं है!
ख्वाबों का सफर भी मुस्कुराता नहीं है!
राह खींच लेती है यादों की इसतरह,
तेरा ख्याल मुझसे दूर जाता नहीं है!

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 315 Views
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