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13 Jun 2017 · 1 min read

मुक्तक

तुम राह अपनी बदलकर देख लो कभी!
तुम चाह अपनी बदलकर देख लो कभी!
हरपल बदल रही है तकदीर वक्त की,
तुम आह अपनी बदलकर देख लो कभी!

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय

Language: Hindi
370 Views
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