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27 May 2017 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक
१)
सकारात्मकता को बीज बनाकर
तू सींचदे,मन वसुधा पर सोकर।
सुखद फसल हीं उपजेगीं सब,
काटने हेतु तू रहना तत्पर।
२)
मेंहदी कंगना चूड़ियां सजा सुहागन चाँद निहारे
चाँद को अर्घ्य देता सजनी मन अरदास पुकारे
अखंड हो सुहाग मेरा, सुहागन रहूं सदा,
पिया तेरी प्रीत है अब तो श्रृंगार मेरा रे।

नीलम शर्मा

Language: Hindi
315 Views
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