Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 May 2017 · 1 min read

मुक्तक

तेरा ख्याल खुद को समझाने का रास्ता है!
तेरा ख्वाब खुद को बहलाने का रास्ता है!
मुश्किलों को थाम लेती है आरजू तेरी,
तेरी याद चाहत को पाने का रास्ता है!

#महादेव_की_कविताऐं’

Language: Hindi
185 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*जब से मुझे पता चला है कि*
*जब से मुझे पता चला है कि*
Manoj Kushwaha PS
If you ever need to choose between Love & Career
If you ever need to choose between Love & Career
पूर्वार्थ
राम
राम
Sanjay ' शून्य'
गिरोहबंदी ...
गिरोहबंदी ...
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
' मौन इक सँवाद '
' मौन इक सँवाद '
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अनजाने में भी कोई गलती हो जाये
अनजाने में भी कोई गलती हो जाये
ruby kumari
*प्रेम भेजा  फ्राई है*
*प्रेम भेजा फ्राई है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अर्धांगिनी
अर्धांगिनी
Buddha Prakash
"लक्ष्मण-रेखा"
Dr. Kishan tandon kranti
बे खुदी में सवाल करते हो
बे खुदी में सवाल करते हो
SHAMA PARVEEN
आ जा उज्ज्वल जीवन-प्रभात।
आ जा उज्ज्वल जीवन-प्रभात।
Anil Mishra Prahari
एक दूसरे से कुछ न लिया जाए तो कैसा
एक दूसरे से कुछ न लिया जाए तो कैसा
Shweta Soni
आप और हम जीवन के सच ..........एक प्रयास
आप और हम जीवन के सच ..........एक प्रयास
Neeraj Agarwal
जिंदगी बहुत ही छोटी है मेरे दोस्त
जिंदगी बहुत ही छोटी है मेरे दोस्त
कृष्णकांत गुर्जर
अछय तृतीया
अछय तृतीया
Bodhisatva kastooriya
* रामचरितमानस का पाठ*
* रामचरितमानस का पाठ*
Ravi Prakash
तोड़ी कच्ची आमियाँ, चटनी लई बनाय
तोड़ी कच्ची आमियाँ, चटनी लई बनाय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हज़ारों चाहने वाले निभाए एक मिल जाए
हज़ारों चाहने वाले निभाए एक मिल जाए
आर.एस. 'प्रीतम'
अगर प्यार करना गुनाह है,
अगर प्यार करना गुनाह है,
Dr. Man Mohan Krishna
जब कोई हाथ और साथ दोनों छोड़ देता है
जब कोई हाथ और साथ दोनों छोड़ देता है
Ranjeet kumar patre
"मेरा गलत फैसला"
Dr Meenu Poonia
बेटी के जीवन की विडंबना
बेटी के जीवन की विडंबना
Rajni kapoor
कहा हों मोहन, तुम दिखते नहीं हों !
कहा हों मोहन, तुम दिखते नहीं हों !
The_dk_poetry
I am sun
I am sun
Rajan Sharma
लोग जीते जी भी तो
लोग जीते जी भी तो
Dr fauzia Naseem shad
प्रतिश्रुति
प्रतिश्रुति
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरी औकात के बाहर हैं सब
मेरी औकात के बाहर हैं सब
सिद्धार्थ गोरखपुरी
2866.*पूर्णिका*
2866.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कभी शांत कभी नटखट
कभी शांत कभी नटखट
Neelam Sharma
आइए जनाब
आइए जनाब
Surinder blackpen
Loading...