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21 Apr 2017 · 1 min read

मुक्तक

तेरी चाहत मेरे गुनाह जैसी है!
तेरी चाहत दर्द की आह जैसी है!
आँखों में आहट है ख्वाबों की लेकिन,
तेरी चाहत सितम की राह जैसी है!

मुक्तककार- #महादेव'(22)

Language: Hindi
243 Views
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