Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2017 · 1 min read

मुक्तक

तेरी ‘#आरजू हर-वक्त हमारी है!
सिलसिला दर्द का आज भी जारी है!
खुदकुशी ख्याल की हो रही है जबसे,
मेरी मयकशी वक्त-ए-लाचारी है!

#महादेव_की_कविताऐं'(21)

Language: Hindi
388 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क्रोध
क्रोध
ओंकार मिश्र
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
डॉक्टर रागिनी
"तू-तू मैं-मैं"
Dr. Kishan tandon kranti
लॉकडाउन के बाद नया जीवन
लॉकडाउन के बाद नया जीवन
Akib Javed
पैसा बोलता है
पैसा बोलता है
Mukesh Kumar Sonkar
शब्द : एक
शब्द : एक
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
अटल-अवलोकन
अटल-अवलोकन
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
योग का एक विधान
योग का एक विधान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Never trust people who tells others secret
Never trust people who tells others secret
Md Ziaulla
मुँहतोड़ जवाब मिलेगा
मुँहतोड़ जवाब मिलेगा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"Battling Inner Demons"
Manisha Manjari
सत्य सनातन गीत है गीता
सत्य सनातन गीत है गीता
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हाइकु : रोहित वेमुला की ’बलिदान’ आत्महत्या पर / मुसाफ़िर बैठा
हाइकु : रोहित वेमुला की ’बलिदान’ आत्महत्या पर / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
मोह माया ये ज़िंदगी सब फ़ँस गए इसके जाल में !
मोह माया ये ज़िंदगी सब फ़ँस गए इसके जाल में !
Neelam Chaudhary
मुरली कि धुन,
मुरली कि धुन,
Anil chobisa
ये धोखेबाज लोग
ये धोखेबाज लोग
gurudeenverma198
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पोता-पोती बेटे-बहुएँ,आते हैं तो उत्सव है (हिंदी गजल/गीतिका)
पोता-पोती बेटे-बहुएँ,आते हैं तो उत्सव है (हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
Jyoti Khari
■ आज का क़तआ (मुक्तक)
■ आज का क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
निज धर्म सदा चलते रहना
निज धर्म सदा चलते रहना
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
तेरी महफ़िल में सभी लोग थे दिलबर की तरह
तेरी महफ़िल में सभी लोग थे दिलबर की तरह
Sarfaraz Ahmed Aasee
भूत अउर सोखा
भूत अउर सोखा
आकाश महेशपुरी
*** सैर आसमान की....! ***
*** सैर आसमान की....! ***
VEDANTA PATEL
2329.पूर्णिका
2329.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दूर जाकर क्यों बना लीं दूरियां।
दूर जाकर क्यों बना लीं दूरियां।
सत्य कुमार प्रेमी
यदि कोई अपनी इच्छाओं और आवश्यकताओं से मुक्त हो तो वह मोक्ष औ
यदि कोई अपनी इच्छाओं और आवश्यकताओं से मुक्त हो तो वह मोक्ष औ
Ms.Ankit Halke jha
दुनियां की लिहाज़ में हर सपना टूट के बिखर जाता है
दुनियां की लिहाज़ में हर सपना टूट के बिखर जाता है
'अशांत' शेखर
#गुलमोहरकेफूल
#गुलमोहरकेफूल
कार्तिक नितिन शर्मा
जहां तक तुम सोच सकते हो
जहां तक तुम सोच सकते हो
Ankita Patel
Loading...