Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2017 · 1 min read

मुक्तक

कौन है वो शक्स जो हमारा बनेगा?
बेबसी के दौर में सहारा बनेगा!
बुझ न जाए तन्हा चिराग जिन्द़गी का,
डूबते इरादों का किनारा बनेगा!

#महादेव_की_कविताऐं'(22)

Language: Hindi
201 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अपनी नज़र में खुद
अपनी नज़र में खुद
Dr fauzia Naseem shad
हे प्रभु !
हे प्रभु !
Shubham Pandey (S P)
फ़ितरत
फ़ितरत
Priti chaudhary
जहां पर जन्म पाया है वो मां के गोद जैसा है।
जहां पर जन्म पाया है वो मां के गोद जैसा है।
सत्य कुमार प्रेमी
महोब्बत की बस इतनी सी कहानी है
महोब्बत की बस इतनी सी कहानी है
शेखर सिंह
कविता
कविता
Shiva Awasthi
“आँख के बदले आँख पूरी दुनिया को अँधा बना देगी”- गांधी जी
“आँख के बदले आँख पूरी दुनिया को अँधा बना देगी”- गांधी जी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
अनिल कुमार
हाथ में कलम और मन में ख्याल
हाथ में कलम और मन में ख्याल
Sonu sugandh
चालें बहुत शतरंज की
चालें बहुत शतरंज की
surenderpal vaidya
" मुझमें फिर से बहार न आयेगी "
Aarti sirsat
छुप जाता है चाँद, जैसे बादलों की ओट में l
छुप जाता है चाँद, जैसे बादलों की ओट में l
सेजल गोस्वामी
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
तुलनात्मक अध्ययन एक अपराध-बोध
तुलनात्मक अध्ययन एक अपराध-बोध
Mahender Singh
ऐ वतन
ऐ वतन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जिस के नज़र में पूरी दुनिया गलत है ?
जिस के नज़र में पूरी दुनिया गलत है ?
Sandeep Mishra
व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि व
व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि व
Sanjay ' शून्य'
2943.*पूर्णिका*
2943.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"गम का सूरज"
Dr. Kishan tandon kranti
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के 4 प्रणय गीत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के 4 प्रणय गीत
कवि रमेशराज
समस्या
समस्या
Paras Nath Jha
लौट आओ ना
लौट आओ ना
VINOD CHAUHAN
■ आज का शेर-
■ आज का शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
चल‌ मनवा चलें....!!!
चल‌ मनवा चलें....!!!
Kanchan Khanna
कभी शांत कभी नटखट
कभी शांत कभी नटखट
Neelam Sharma
जो उसके हृदय को शीतलता दे जाए,
जो उसके हृदय को शीतलता दे जाए,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
अब न वो आहें बची हैं ।
अब न वो आहें बची हैं ।
Arvind trivedi
गुरु
गुरु
Rashmi Sanjay
*सर्दी-गर्मी अब कहॉं, जब तन का अवसान (कुंडलिया)*
*सर्दी-गर्मी अब कहॉं, जब तन का अवसान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
विधा - गीत
विधा - गीत
Harminder Kaur
Loading...