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19 Jan 2017 · 1 min read

मुक्तक

एक मुक्तक
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इस कहानी में कोई मोड़ तो आया होता।
दर्द अपना कभी अश्कों में छिपाया होता।
मैं बसा लेती तुझे दिल की हर इक धड़कन में।
दीप इक प्यार का चौखट पे जलाया होता।

??????????????
भारती जैन दिव्यांशी
19/01/2017

Language: Hindi
1 Like · 2835 Views
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