जिंदगी बोझ लगेगी फिर भी उठाएंगे
पड़ोसन की ‘मी टू’ (व्यंग्य कहानी)
মন এর প্রাসাদ এ কেবল একটাই সম্পদ ছিলো,
जवानी में तो तुमने भी गजब ढाया होगा
उस दर्द की बारिश मे मै कतरा कतरा बह गया
Wishing you a very happy,
*जीवन में खुश रहने की वजह ढूँढना तो वाजिब बात लगती है पर खोद
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-143के दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मेरी आँख में झाँककर देखिये तो जरा,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही दुहराता हूँ, फिरभ
एक दिन जब वो अचानक सामने ही आ गए।