Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jan 2017 · 1 min read

मुक्तक

दो मुक्तक

उदय
उदयाचल से उदित हुआ नव रश्मि दिनमान
रक्तिम आभा फ़ैल गई धरती आसमान
नई किरण नई आशा प्रेरणा का स्रोत है
जीव जंतु बनस्पति सबको देता है प्राण |
अस्त
उदय गिरि से अस्ताचल तक आता है चलकर
अस्त होता है संध्या बेला बिलकुल थककर
चाँद तारे स्वागत में उनके हाज़िर नभ में
रात्रि विराम के बाद फिर उदित होता दिनकर |
© कालीपद ‘प्रसाद’

Language: Hindi
261 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हौसला
हौसला
Monika Verma
बहुत कीमती है पानी,
बहुत कीमती है पानी,
Anil Mishra Prahari
क्यों इन्द्रदेव?
क्यों इन्द्रदेव?
Shaily
प्रायश्चित
प्रायश्चित
Shyam Sundar Subramanian
देश प्रेम
देश प्रेम
Dr Parveen Thakur
23/10.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/10.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
और प्रतीक्षा सही न जाये
और प्रतीक्षा सही न जाये
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
तुम भी पत्थर
तुम भी पत्थर
shabina. Naaz
🌹जिन्दगी🌹
🌹जिन्दगी🌹
Dr Shweta sood
जीवन
जीवन
Bodhisatva kastooriya
*योग (बाल कविता)*
*योग (बाल कविता)*
Ravi Prakash
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हार से डरता क्यों हैं।
हार से डरता क्यों हैं।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
मैं तेरा कृष्णा हो जाऊं
मैं तेरा कृष्णा हो जाऊं
bhandari lokesh
हक जता तो दू
हक जता तो दू
Swami Ganganiya
तुम मेरी किताबो की तरह हो,
तुम मेरी किताबो की तरह हो,
Vishal babu (vishu)
కృష్ణా కృష్ణా నీవే సర్వము
కృష్ణా కృష్ణా నీవే సర్వము
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
दोहे-*
दोहे-*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
प्रत्याशी को जाँचकर , देना  अपना  वोट
प्रत्याशी को जाँचकर , देना अपना वोट
Dr Archana Gupta
त्यागकर अपने भ्रम ये सारे
त्यागकर अपने भ्रम ये सारे
Er. Sanjay Shrivastava
🙅कमिंग सून🙅
🙅कमिंग सून🙅
*Author प्रणय प्रभात*
दोस्ती का तराना
दोस्ती का तराना
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
💐प्रेम कौतुक-523💐
💐प्रेम कौतुक-523💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
** स्नेह भरी मुस्कान **
** स्नेह भरी मुस्कान **
surenderpal vaidya
हे कान्हा
हे कान्हा
Mukesh Kumar Sonkar
कोई किसी के लिए जरुरी नहीं होता मुर्शद ,
कोई किसी के लिए जरुरी नहीं होता मुर्शद ,
शेखर सिंह
जिंदगी का सवाल आया है।
जिंदगी का सवाल आया है।
Dr fauzia Naseem shad
ख्वाबों में मेरे इस तरह आया न करो,
ख्वाबों में मेरे इस तरह आया न करो,
Ram Krishan Rastogi
मेरी साँसों में उतर कर सनम तुम से हम तक आओ।
मेरी साँसों में उतर कर सनम तुम से हम तक आओ।
Neelam Sharma
जब काँटों में फूल उगा देखा
जब काँटों में फूल उगा देखा
VINOD CHAUHAN
Loading...