Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jul 2016 · 1 min read

मिथक

कल्पना में मत उलझ
है मिथक सारा जगत
सत्य से रु-ब-रु हो
जन्म से आरम्भ जो हो
इससे परे मैं हूँ सदा
अदृश्य जो सदृश्य भी हो
तू बना क्यों ?उद्देश्य हैं क्या ?
ये भी सोचा है क्या ?
क्यों मिला ?मानस जन्म
करने हैं क्या तुझको कर्म
वोध ज्ञान भी हो कभी
है क्या तेरा भी कोई निज धर्म
छोड़कर आडम्बरों को
तोड़कर रुढियों को
प्रकाश को आयाम दे
स्वयं को भी विराम दे
चौधियां गेन आँखें तेरी
ओझल रचियता होने लगा
तकनीक का विकास कर
करता खुद ही बनने लगा
सारी सृष्टि की भांति ही
तू भी मेरी ही एक रचना
भटक गया जो राह से तो
कष्ट पड़े हैं आज सहना
मुझको तू पहचान ले
स्वयं को भी जन ले
प्यार कर और प्यार पा
प्यार को अंजाम दे
खुद को तू विश्राम दे
मत भाग तू कही और
सखे वो यही है तेरे वसे

Language: Hindi
11 Likes · 506 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr.Pratibha Prakash
View all
You may also like:
जीवन
जीवन
Monika Verma
सुकून ए दिल का वह मंज़र नहीं होने देते। जिसकी ख्वाहिश है, मयस्सर नहीं होने देते।।
सुकून ए दिल का वह मंज़र नहीं होने देते। जिसकी ख्वाहिश है, मयस्सर नहीं होने देते।।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*सीधे-सादे चलिए साहिब (हिंदी गजल)*
*सीधे-सादे चलिए साहिब (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
हाथ माखन होठ बंशी से सजाया आपने।
हाथ माखन होठ बंशी से सजाया आपने।
लक्ष्मी सिंह
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सुबुधि -ज्ञान हीर कर
सुबुधि -ज्ञान हीर कर
Pt. Brajesh Kumar Nayak
संसाधन का दोहन
संसाधन का दोहन
Buddha Prakash
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
23/112.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/112.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुझे पता है।
मुझे पता है।
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
चाहत किसी को चाहने की है करते हैं सभी
चाहत किसी को चाहने की है करते हैं सभी
SUNIL kumar
क्रूरता की हद पार
क्रूरता की हद पार
Mamta Rani
// तुम सदा खुश रहो //
// तुम सदा खुश रहो //
Shivkumar barman
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*Author प्रणय प्रभात*
दुकान मे बैठने का मज़ा
दुकान मे बैठने का मज़ा
Vansh Agarwal
उम्मीद से अधिक मिलना भी आदमी में घमंड का भाव पैदा करता है !
उम्मीद से अधिक मिलना भी आदमी में घमंड का भाव पैदा करता है !
Babli Jha
बारिश
बारिश
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जिंदगी हमने जी कब,
जिंदगी हमने जी कब,
Umender kumar
सरस्वती पूजा में प्रायश्चित यज्ञ उर्फ़ करेला नीम चढ़ा / MUSAFIR BAITHA
सरस्वती पूजा में प्रायश्चित यज्ञ उर्फ़ करेला नीम चढ़ा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
गर गुलों की गुल गई
गर गुलों की गुल गई
Mahesh Tiwari 'Ayan'
वो शिकायत भी मुझसे करता है
वो शिकायत भी मुझसे करता है
Shweta Soni
लेके फिर अवतार ,आओ प्रिय गिरिधर।
लेके फिर अवतार ,आओ प्रिय गिरिधर।
Neelam Sharma
जिंदगी भी एक सांसों का रैन बसेरा है
जिंदगी भी एक सांसों का रैन बसेरा है
Neeraj Agarwal
ज़रूरी तो नहीं
ज़रूरी तो नहीं
Surinder blackpen
कभी आंख मारना कभी फ्लाइंग किस ,
कभी आंख मारना कभी फ्लाइंग किस ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
आज की प्रस्तुति: भाग 3
आज की प्रस्तुति: भाग 3
Rajeev Dutta
21)”होली पर्व”
21)”होली पर्व”
Sapna Arora
जो आपका गुस्सा सहन करके भी आपका ही साथ दें,
जो आपका गुस्सा सहन करके भी आपका ही साथ दें,
Ranjeet kumar patre
शब्द
शब्द
Madhavi Srivastava
ज़िंदगी मौत पर
ज़िंदगी मौत पर
Dr fauzia Naseem shad
Loading...