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13 May 2017 · 1 min read

मातृ दिवस पर दो रचनाएँ

मातृशक्ति को नमन दो रचनाएँ….

कुंडली…

माता की ममता बड़ी, संतति को दे प्यार।
उत्तम करती पालना, भर देती संस्कार।
भर देती संस्कार, बने वह भाग्य विधाता।
सुखी करे घरबार, सफल होती तब माता।

प्रवीण त्रिपाठी
12 मई 2017

एक कविता छात्रों के लिये…

मातृ दिवस पर….
माँ है एक ममता का खजाना।
हरदम जाने बस प्यार लुटाना।

बच्चों पर कुछ आंच न आये।
बस यही चिंता उसे सताये।

बच्चों पर वह जान लुटाती।
सारे दुख उनके हर लाती।

कोई कष्ट न उन पर आये।
ईश्वर से बस यही मनाए।

करें तरक्की बनें सहारा।
जैसे चमके चांद सितारा।

बुरे कर्म वह नही करेंगे।
सच्चाई के साथ रहेंगे।

जीवन उनका सुखमय होगा
नाम देश का रोशन होगा।

माँ की यही कामना रहती।
बच्चों के संग ही खुश रहती।।
प्रवीण त्रिपाठी
12 मई 2017

Language: Hindi
516 Views
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