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14 May 2017 · 1 min read

माँ

आंचल तुम्हारा दरख्तों की छाया है माँ,
हर धूप से टकराना तुमने सिखाया है माँ,
तुम बेशक कहीं दूर सितारों में रहने लगी,
मेरे सर पर हमेशा तुम्हारा ही साया है माँ !

Language: Hindi
538 Views
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