Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2017 · 2 min read

“माँ मुझे डर लगता है”?

मां मुझे डर लगता है . . . .
बहुत डर लगता है . . . .
सूरज की रौशनी आग सी लगती है . . . .
पानी की बुँदे भी तेजाब सी लगती हैं . . .
मां हवा में भी जहर सा घुला लगता है . .
मां मुझे छुपा ले बहुत डर लगता है . . . .

मां….
याद है वो काँच की गुड़िया, जो बचपन में टूटी थी . . . .
मां कुछ ऐसे ही आज में टूट गई हूँ . . .
मेरी गलती कुछ भी ना थी माँ,
फिर भी खुद से रूठ गई हूँ . . .

माँ…
बचपन में स्कूल टीचर की गन्दी नजरों से डर लगता था . . . .
पड़ोस के चाचा के नापाक इरादों से डर लगता था . . . .
अब नुक्कड़ के लड़कों की बेख़ौफ़ बातों से डर लगता है . .
और कभी बॉस के वहशी इशारों से डर लगता है . . . .
मां मुझे छुपा ले, बहुत डर लगता है . . .

मां….
तुझे याद है मैं आँगन में चिड़िया सी फुदक रही थी . . . .
और ठोकर खा कर जब मैं जमीन पर गिर पड़ी थी . . . .
दो बूंद खून की देख माँ तू भी तो रो पड़ी थी
माँ तूने तो मुझे फूलों की तरह पाला था . .
उन दरिंदों का आखिर मैंने क्या बिगाड़ा था .
क्यों वो मुझे इस तरह मसल के चले गए है .
बेदर्द मेरी रूह को कुचल के चले गए . . .

मां…..
तू तो कहती थी अपनी गुड़िया को दुल्हन बनाएगी . . . .
मेरे इस जीवन को खुशियों से सजाएगी . .
माँ क्या वो दिन जिंदगी कभी ना लाएगी????
क्या तेरे घर अब कभी बारात ना आएगी ??
माँ खोया है जो मैने क्या फिर से कभी ना पाउंगी ???
मां सांस तो ले रही हूँ . . .
क्या जिंदगी जी पाउंगी???

मां…
घूरते है सब अलग ही नज़रों से . . . .
मां मुझे उन नज़रों से छूपा ले …
माँ बहुत डर लगता है….
मुझे आंचल में छुपा ले . . . . ?

©“इंदु रिंकी वर्मा”

Language: Hindi
15 Likes · 11 Comments · 21244 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यादों के छांव
यादों के छांव
Nanki Patre
*खो दिया सुख चैन तेरी चाह मे*
*खो दिया सुख चैन तेरी चाह मे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*कमबख़्त इश्क़*
*कमबख़्त इश्क़*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
“जब से विराजे श्रीराम,
“जब से विराजे श्रीराम,
Dr. Vaishali Verma
तुम कभी यह चिंता मत करना कि हमारा साथ यहाँ कौन देगा कौन नहीं
तुम कभी यह चिंता मत करना कि हमारा साथ यहाँ कौन देगा कौन नहीं
Dr. Man Mohan Krishna
लोककवि रामचरन गुप्त मनस्वी साहित्यकार +डॉ. अभिनेष शर्मा
लोककवि रामचरन गुप्त मनस्वी साहित्यकार +डॉ. अभिनेष शर्मा
कवि रमेशराज
■ आज की बात
■ आज की बात
*Author प्रणय प्रभात*
#धोती (मैथिली हाइकु)
#धोती (मैथिली हाइकु)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*अनकही बातें याद करके कुछ बदलाव नहीं आया है लेकिन अभी तक किस
*अनकही बातें याद करके कुछ बदलाव नहीं आया है लेकिन अभी तक किस
Shashi kala vyas
खुदा कि दोस्ती
खुदा कि दोस्ती
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मेरी आरज़ू है ये
मेरी आरज़ू है ये
shabina. Naaz
हुलिये के तारीफ़ात से क्या फ़ायदा ?
हुलिये के तारीफ़ात से क्या फ़ायदा ?
ओसमणी साहू 'ओश'
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
भले ई फूल बा करिया
भले ई फूल बा करिया
आकाश महेशपुरी
जिन्दगी है बगावत तो खुलकर कीजिए।
जिन्दगी है बगावत तो खुलकर कीजिए।
Ashwini sharma
"आग्रह"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
2588.पूर्णिका
2588.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
💐अज्ञात के प्रति-26💐
💐अज्ञात के प्रति-26💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"जब मानव कवि बन जाता हैं "
Slok maurya "umang"
*रिश्ते भैया दूज के, सबसे अधिक पवित्र (कुंडलिया)*
*रिश्ते भैया दूज के, सबसे अधिक पवित्र (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मरीचिका सी जिन्दगी,
मरीचिका सी जिन्दगी,
sushil sarna
करने दो इजहार मुझे भी
करने दो इजहार मुझे भी
gurudeenverma198
3-फ़क़त है सियासत हक़ीक़त नहीं है
3-फ़क़त है सियासत हक़ीक़त नहीं है
Ajay Kumar Vimal
मेरा दुश्मन
मेरा दुश्मन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
रे ज़िन्दगी
रे ज़िन्दगी
Jitendra Chhonkar
रेल चलय छुक-छुक
रेल चलय छुक-छुक
Dr. Kishan tandon kranti
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
Ranjeet kumar patre
बेटा राजदुलारा होता है?
बेटा राजदुलारा होता है?
Rekha khichi
चूड़ियाँ
चूड़ियाँ
लक्ष्मी सिंह
ईश्वर का अस्तित्व एवं आस्था
ईश्वर का अस्तित्व एवं आस्था
Shyam Sundar Subramanian
Loading...