Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jan 2017 · 2 min read

माँ गूँजने दो मेरी भी किलकारी

माँ तेरी बगिया की
हूँ नाजुक सी कली
क्यों चढ़ाती हो
बार-बार मेरी ही बलि
बेटों को हमेशा तूने
मुझसे ज्यादा ही चाहा
पढ़ाया -लिखाया,
सर पर खूब चढ़ाया
मुझे दिलाती रही
बेटी होने का सदा ही भान
मैंने रखा फिर भी
हरदम ही सबका मान
संस्कारों में पली
फिर भी गई हरबार छली
मेरी मासूम हँसी सदैव
तूने कर दिया बेटों पे कुर्बान
मैं फिर भी न जली, सदा खुश रही
शिक्षा का दिया न अधिकार मुझे
फिर भी छुप -छुपा के आगे बढ़ती रही
तेरा नाम किया जग में उजागर
माँ फिर भी हुई मैं पराई
जल्दी से तूने कर दी मेरी विदाई
जब पढ़ -लिख बेटा गया विदेश
न चिट्ठी न भेजा कोई संदेश
तेरी पथराई आँखें
बाट रही निहार
सुन के तेरी करूण-पुकार
मैं दौड़ी आई माँ तेरे द्वार
माँ फिर भी मैं बोझ ही बनी
जननी होकर भी जननी को छली
उड़ने न दिया उनमुकत गगन में
छूने न दिया चाँद-तारों को
मैंने फिर भी रचा इतिहास
अपने कर्मों से भाग्य बदलती रही
जितना भी रोका कदम
पथ के रोड़ों से लड़ती गई
मैं खुद सँवरती गई
डगमगाने न दिया
अपने आत्मविश्वास को
नया सबेरा लाकर रही
हर युग में, हर जन्म में
कंधे से कंधा मिलाकर चली
मेरे बिना तो राम भी कहाँ था पूरा?
कभी बनकर लक्ष्मी बाई
अंग्रेजों के दाँत खट्टे किए
छूने न दिया आबरू को
जब न दिखा सकी ताकत अपनी
कर लिया जौहर व्रत
स्वाभिमान से जिया , स्वाभिमान से मरी
माँ मैं तो हूँ बस तेरी ही छवि
चमकने दो मुझे
ज्यों गगन में चमक रहा रवि
मैं कल भी थी,
आज भी हूँ
और कल भी रहूँगी
चाहे जितना भी चाहो
मिटाना मेरी पहचान
सृष्टि की अनमोल उपहार हूँ
होऊँगी न बेकार
माँ मुझपर कर दो इतना उपकार
कर लो मुझे तुम स्वीकार
दे दो मुझे भी मेरे हिस्से का प्यार
बना लो अपनी दुनिया को
बेटियों की खुशी से हसीन
क्यों होती है तू गमगीन?
मैं अबला नहीं हूँ सबला
दूर कर दूँगी तेरी परेशानियाँ सारी
महकाऊँगी घर-आँगन तेरी
बस माँ गूँजने दो मेरी भी किलकारी
हाँ माँ गूँजने दो मेरी भी किलकारी ।

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 766 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पर्वत 🏔️⛰️
पर्वत 🏔️⛰️
डॉ० रोहित कौशिक
विजेता
विजेता
Paras Nath Jha
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
Dr.Khedu Bharti
“बप्पा रावल” का इतिहास
“बप्पा रावल” का इतिहास
Ajay Shekhavat
कभी न दिखावे का तुम दान करना
कभी न दिखावे का तुम दान करना
Dr fauzia Naseem shad
मुक्ति का दे दो दान
मुक्ति का दे दो दान
Samar babu
अभी तो रास्ता शुरू हुआ है।
अभी तो रास्ता शुरू हुआ है।
Ujjwal kumar
16- उठो हिन्द के वीर जवानों
16- उठो हिन्द के वीर जवानों
Ajay Kumar Vimal
वापस आना वीर
वापस आना वीर
लक्ष्मी सिंह
" नैना हुए रतनार "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
तेरी सुंदरता पर कोई कविता लिखते हैं।
तेरी सुंदरता पर कोई कविता लिखते हैं।
Taj Mohammad
कोरोना काल
कोरोना काल
Sandeep Pande
प्यास
प्यास
sushil sarna
जो खत हीर को रांझा जैसे न होंगे।
जो खत हीर को रांझा जैसे न होंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
* आओ ध्यान करें *
* आओ ध्यान करें *
surenderpal vaidya
ग़ज़ल
ग़ज़ल
कवि रमेशराज
" तार हूं मैं "
Dr Meenu Poonia
तेरी गली में बदनाम हों, हम वो आशिक नहीं
तेरी गली में बदनाम हों, हम वो आशिक नहीं
The_dk_poetry
💐प्रेम कौतुक-407💐
💐प्रेम कौतुक-407💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कृपया मेरी सहायता करो...
कृपया मेरी सहायता करो...
Srishty Bansal
■ चाहें जब...
■ चाहें जब...
*Author प्रणय प्रभात*
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जिसकी जुस्तजू थी,वो करीब आने लगे हैं।
जिसकी जुस्तजू थी,वो करीब आने लगे हैं।
करन ''केसरा''
एकाकी
एकाकी
Dr.Pratibha Prakash
मैं बंजारा बन जाऊं
मैं बंजारा बन जाऊं
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
दिल ये इज़हार कहां करता है
दिल ये इज़हार कहां करता है
Surinder blackpen
विजयनगरम के महाराजकुमार
विजयनगरम के महाराजकुमार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*दुखड़ा कभी संसार में, अपना न रोना चाहिए【हिंदी गजल/गीतिका】*
*दुखड़ा कभी संसार में, अपना न रोना चाहिए【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
गीतिका...
गीतिका...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*मां चंद्रघंटा*
*मां चंद्रघंटा*
Shashi kala vyas
Loading...