Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jul 2017 · 1 min read

महीना आयौ सावन कौ

लोकगीत
————-
* महीना आयौ सावन कौ *
**********************
झूला आँगन में डरवाय दै भरतार,
महीना आयौ सावन कौ ।

आसमान में घिरी बदरिया उमड़-घुमड़ कै कारी ,
भीनी-भीनी झरैं फुहारें कोयल कूकै डारी ,
बाजै पामन में पायलिया घुँघरूदार ।
महीना आयौ सावन कौ ।।1

मन में उठैं उमंग चले सीरी-सीरी पुरवैया ,
याद बहौत आवै पीहर की सुन ननदी के भैया ,
मोकूँ ला दै रे चुनरिया गोटेदार ।
महीना आयौ सावन कौ ।।2

कर सोलह शृंगार बलम मैं झूला पै झूलुंगी ,
हौले-हौले झोटा दीजो सुध अपनी भूलुंगी ,
तगड़ी पहरुंगी सोने की ठप्पेदार ।
महीना आयौ सावन कौ ।।3

बिंदिया दमकै काजर चमकै हाथन मेंहदी महकै ,
कँगना खनकै रे बाँहन में पाँव महावर चहकै,
आ जा झूलिंगे गलबहियां दोऊ डार ।
महीना आयौ सावन कौ ।।4

महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
***

Language: Hindi
Tag: गीत
475 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahesh Jain 'Jyoti'
View all
You may also like:
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
Rj Anand Prajapati
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
डॉ. दीपक मेवाती
कृषक
कृषक
Shaily
खुद ही रोए और खुद ही चुप हो गए,
खुद ही रोए और खुद ही चुप हो गए,
Vishal babu (vishu)
बच्चे
बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तमन्ना थी मैं कोई कहानी बन जाऊॅ॑
तमन्ना थी मैं कोई कहानी बन जाऊॅ॑
VINOD CHAUHAN
पिता
पिता
Dr Manju Saini
"सच का टुकड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
"नंगे पाँव"
Pushpraj Anant
श्री राम मंदिर
श्री राम मंदिर
Mukesh Kumar Sonkar
*बाल गीत (मेरा मन)*
*बाल गीत (मेरा मन)*
Rituraj shivem verma
नाबालिक बच्चा पेट के लिए काम करे
नाबालिक बच्चा पेट के लिए काम करे
शेखर सिंह
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मैं अक्सर उसके सामने बैठ कर उसे अपने एहसास बताता था लेकिन ना
मैं अक्सर उसके सामने बैठ कर उसे अपने एहसास बताता था लेकिन ना
पूर्वार्थ
मान भी जाओ
मान भी जाओ
Mahesh Tiwari 'Ayan'
लाल फूल गवाह है
लाल फूल गवाह है
Surinder blackpen
इजोत
इजोत
श्रीहर्ष आचार्य
😊 #आज_का_सवाल
😊 #आज_का_सवाल
*Author प्रणय प्रभात*
कितनी सहमी सी
कितनी सहमी सी
Dr fauzia Naseem shad
मानता हूँ हम लड़े थे कभी
मानता हूँ हम लड़े थे कभी
gurudeenverma198
आज की बेटियां
आज की बेटियां
Shekhar Chandra Mitra
संस्कार संस्कृति सभ्यता
संस्कार संस्कृति सभ्यता
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो,कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो,
कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो,कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो,
Ranjeet kumar patre
तब घर याद आता है
तब घर याद आता है
कवि दीपक बवेजा
एक पेड़ ही तो है जो सभी प्राणियो को छाँव देता है,
एक पेड़ ही तो है जो सभी प्राणियो को छाँव देता है,
Shubham Pandey (S P)
मउगी चला देले कुछउ उठा के
मउगी चला देले कुछउ उठा के
आकाश महेशपुरी
*डायरी के कुछ प्रष्ठ (कहानी)*
*डायरी के कुछ प्रष्ठ (कहानी)*
Ravi Prakash
जागेगा अवाम
जागेगा अवाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
तेरी ख़ुशबू
तेरी ख़ुशबू
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
घिरी घटा घन साँवरी, हुई दिवस में रैन।
घिरी घटा घन साँवरी, हुई दिवस में रैन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...