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24 Feb 2017 · 1 min read

महादेव

पाप पुण्य के युद्ध में जो खुद को मिटाता है।
त्याग कर अमृत हलाहल विष अपनाता है।
निस्वार्थ लोकहित में जीवन अर्पण कर दे।
वो स्वयंशंभू, नीलकंठ, महादेव कहलाता है ।।




डी. के. निवातिया

Language: Hindi
1 Like · 899 Views
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