Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Aug 2017 · 1 min read

मैं रंग भरे…

(1)
?मैं रंग भरे
जिन्दगी के तराने
गुनगुनाऊँ?

(2)
?पंख ख्वाबों के
गगन में फैलाये
मैं उड़ जाऊँ?

(3)
?फूलों के संग
इन्द्रधनुषी रंग
में रंग जाऊँ ?

(4)
?सागर संग
लहरों में तरंग
यूँ बलखाऊँ?

(5)
?नई उमंग
नई सुरसंगम
प्रेम से गाऊँ?

(6)
?हवा के संग
मदमस्त सुगंध
मैं बन जाऊँ?

—लक्ष्मी सिंह ?☺

Language: Hindi
540 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
आलता महावर
आलता महावर
Pakhi Jain
देर हो जाती है अकसर
देर हो जाती है अकसर
Surinder blackpen
माॅर्डन आशिक
माॅर्डन आशिक
Kanchan Khanna
जीवनसाथी
जीवनसाथी
Rajni kapoor
तू कहीं दूर भी मुस्करा दे अगर,
तू कहीं दूर भी मुस्करा दे अगर,
Satish Srijan
मां तुम्हें सरहद की वो बाते बताने आ गया हूं।।
मां तुम्हें सरहद की वो बाते बताने आ गया हूं।।
Ravi Yadav
युद्ध के विरुद्ध कुंडलिया
युद्ध के विरुद्ध कुंडलिया
Ravi Prakash
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
Buddha Prakash
क़दर करना क़दर होगी क़दर से शूल फूलों में
क़दर करना क़दर होगी क़दर से शूल फूलों में
आर.एस. 'प्रीतम'
तारीफ....... तुम्हारी
तारीफ....... तुम्हारी
Neeraj Agarwal
एक ख़्वाहिश
एक ख़्वाहिश
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Ready for argument
Ready for argument
AJAY AMITABH SUMAN
दरोगवा / MUSAFIR BAITHA
दरोगवा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
"सफ़र"
Dr. Kishan tandon kranti
मयस्सर नहीं अदब..
मयस्सर नहीं अदब..
Vijay kumar Pandey
शैक्षिक विकास
शैक्षिक विकास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
■ आज का शेर...
■ आज का शेर...
*Author प्रणय प्रभात*
आज के रिश्ते: ए
आज के रिश्ते: ए
पूर्वार्थ
निराकार परब्रह्म
निराकार परब्रह्म
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
हिंदीग़ज़ल में होता है ऐसा ! +रमेशराज
हिंदीग़ज़ल में होता है ऐसा ! +रमेशराज
कवि रमेशराज
ये जाति और ये मजहब दुकान थोड़ी है।
ये जाति और ये मजहब दुकान थोड़ी है।
सत्य कुमार प्रेमी
23/175.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/175.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुन सको तो सुन लो
सुन सको तो सुन लो
Shekhar Chandra Mitra
मैं तो महज चुनौती हूँ
मैं तो महज चुनौती हूँ
VINOD CHAUHAN
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
बंशी बजाये मोहना
बंशी बजाये मोहना
लक्ष्मी सिंह
बच्चे पढ़े-लिखे आज के , माँग रहे रोजगार ।
बच्चे पढ़े-लिखे आज के , माँग रहे रोजगार ।
Anil chobisa
मौत की हक़ीक़त है
मौत की हक़ीक़त है
Dr fauzia Naseem shad
गुज़र गयी है जिंदगी की जो मुश्किल घड़ियां।।
गुज़र गयी है जिंदगी की जो मुश्किल घड़ियां।।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बरसात
बरसात
surenderpal vaidya
Loading...